क्या आत्मरक्षा में पेपर स्प्रे का इस्तेमाल करना गलत? जानिए कर्नाटक हाई कोर्ट ने क्यों बताया 'खतरनाक हथियार'
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कर्नाटक हाई कोर्ट ने एक मुकदमे की सुनवाई के दौरान पेपर स्प्रे को खतरनाक बताते हुए कह दिया कि आत्मरक्षा में इसका इस्तेमाल नहीं होना चाहिए. इसके लिए अदालत ने अमेरिका का हवाला दिया, जहां स्प्रे को केमिकल हथियार माना जाता है. लेकिन भारत में आत्मरक्षा के लिए क्या-क्या किया जा सकता है? क्या महिलाएं अपनी सेफ्टी के लिए पेपर स्प्रे साथ रखें तो ये गैरकानूनी है?
कर्नाटक की हाई कोर्ट ने एक प्राइवेट कंपनी के मालिक कपल के खिलाफ क्रिमिनल केस वापस लेने से इनकार कर दिया. कपल ने कथित तौर पर सेल्फ डिफेंस में पेपर स्प्रे का उपयोग किया था. जज एम नागप्रसन्ना की बेंच ने अमेरिका का हवाला देते हुए कहा कि वहां ये खतरनाक केमिकल वेपन है. लेकिन हमारे देश की बात करें तो पेपर स्प्रे कई महिलाएं के बैग में होता है. दिल्ली मेट्रो भी महिला यात्रियों को 100 मिलीलीटर स्प्रे की बोतल रखने देती है ताकि जरूरत में वे सेल्फ डिफेंस कर सकें.
क्या है पूरा मामला
कर्नाटक हाई कोर्ट ने एक निजी कंपनी के डायरेक्टर सी गणेश नारायण और उनकी पत्नी के खिलाफ दर्ज आपराधिक मुकदमे की सुनवाई के दौरान पेपर स्प्रे को 'खतरनाक हथियार' बता दिया. कपल पर आरोप है कि उन्होंने अप्रैल में बेंगलुरु स्थित एक शोरूम के सिक्योरिटी गार्ड रणदीप दास से हाथापाई की. इस दौरान पत्नी ने गार्ड पर पेपर स्प्रे डाल दिया.
कोर्ट ने कहा खतरनाक है स्प्रे
पीड़ित गार्ड की शिकायत पर मामला अदालत तक पहुंचा. कपल ने वहां सेल्फ डिफेंस का तर्क दिया, जिसे अदालत ने खारिज कर दिया. कोर्ट ने कहा कि चूंकि तात्कालिक तौर पर दंपत्ति पर जान का खतरा नहीं था, तो उन्हें खतरनाक पेपर स्प्रे के उपयोग से बचना चाहिए था. कोर्ट ने अमेरिका के हवाले से कह दिया कि स्प्रे को खतरनाक हथियार माना जाना चाहिए.
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