कौन सा तर्क देकर जर्मनी में चाइल्ड पोर्न बांटने पर घटा दी गई सजा की अवधि, क्यों कुछ समूह कर रहे सेलिब्रेट?
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लगभग तीन साल पहले जर्मनी में चाइल्ड पोर्न को लेकर न्यूनतम एक साल की सजा तय थी, जो अब घटकर तीन महीने रह गई. जर्मन संसद ने हाल में एक बिल पारित किया. इसके तहत चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज मटेरियल को रखना या बांटना गंभीर अपराध की कैटेगरी से घटकर मामूली क्राइम में आ चुका, जिसका दोषी पाए जाने पर छोटी सजा या जुर्माना देना होता है.
जर्मनी में अपराधों की कुल दर कम हुई, लेकिन चाइल्ड पोर्न बनाने, देखने और बांटने वालों में जबर्दस्त इजाफा माना जा रहा है. साल 2021 में ये उससे पिछले साल के मुकाबले 108.8% तक बढ़ा. एक तरफ चाइल्ड सेक्सुअल कंटेंट बढ़ रहा है, वहीं जर्मन पार्लियामेंट ने हाल में एक ऐसा फैसला लिया, जो विवादों में है. अलग-अलग मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस देश में चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज मटेरियल (CSAM) को अपराध की श्रेणी से लगभग हटा दिया गया.
क्या हुआ है बदलाव
जर्मन संसद बुंडेस्टाग ने हाल ही में एक प्रेस रिलीज जारी किया, जिसमें उसकी लीगल अफेयर्स कमेटी का जिक्र था. इस कमेटी ने चाइल्ड पोर्न रखने पर तय सजा की अवधि घटाकर न्यूनतम एक साल से तीन महीने कर दी. वहीं इस तरह का कंटेंट बांटने या फैलाने वालों को छह महीने की सजा मिलेगी. चाइल्ड पोर्न से जुड़ा ऑफेंस क्रिमिनल कोड के सेक्शन 184बी के तहत मामूली या सब-क्राइम की श्रेणी में आता है. नया बिल साल 2021 में आए लॉ को निरस्त करता है, जिसके अनुसार चाइल्ड पोर्न अपराध हुआ करता था.
क्या दलील दी जा रही है
नए बिल में उस मां का उदाहरण दिया गया, जिसने चूकवश पोर्न बांट दिया था, और सजा मिली थी. अब उसकी सजा भी निरस्त हो रही है. बता दें कि मामला स्कूल पढ़ने वाले एक बच्चे की मां का था. वो दूसरे पेरेंट्स को चाइल्ड पोर्न पर चेता रही थी. इसी कड़ी में उसने कुछ ऐसी तस्वीरें शेयर कर दीं, जो चाइल्ड सेक्सुअल एब्यूज मटेरियल में आते हैं. इसके बाद उसे भी सजा हुई. नए बिल के बाद ये सजा खत्म हो गई है.
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