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कोरोना: वैक्सीन शॉर्टेज पर ब्राजील में बवाल, विदेश मंत्री को देना पड़ा इस्तीफा
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एक वक्त पर कोरोना का एपिसेंटर बना ब्राजील अब वैक्सीन की शॉर्टेज से जूझ रहा है. इसका असर ये हुआ है कि ब्राजील के विदेश मंत्री को अपने पद से इस्तीफा ही देना पड़ा.
दुनिया में कोरोना वायरस का संकट एक बार फिर बढ़ रहा है, कई देशों में कोरोना की नई लहर चिंता बढ़ा रही है. ऐसे में हर देश वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ाना चाहता है. एक वक्त पर कोरोना का एपिसेंटर बना ब्राजील अब वैक्सीन की शॉर्टेज से जूझ रहा है. इसका असर ये हुआ है कि ब्राजील के विदेश मंत्री को अपने पद से इस्तीफा ही देना पड़ा. ब्राजील के विदेश मंत्री एर्नेस्टो अरेजो ने अपना इस्तीफा राष्ट्रपति जेर बोलसेनेरो को भेज दिया है और अपने मंत्रालय को भी सूचित कर दिया है. ब्राजील मीडिया के मुताबिक, देश के लिए दुनियाभर से पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन ना जुटा पाना एक बड़ी कूटनीतिक हार माना गया है, यही कारण है कि विदेश मंत्री को अपना पद गंवाना पड़ा. ब्राजील जैसा देश अधिकतर बाहरी वैक्सीन पर ही निर्भर है, ऐसे में दूसरे देशों से संबंध ही काम आ रहे हैं. लेकिन विदेश मंत्री एर्नेस्टो अरेजो कूटनीति के मामले में फेल रहे और ब्राजील को उतनी वैक्सीन नहीं मिल पाई जितनी उसे जरूरत है. बता दें कि ब्राजीली राष्ट्रपति जेर बोलसेनेरो भी कई बार सार्वजनिक मंचों पर विदेश मंत्री एर्नेस्टो अरेजो की राजनीतिक बयानबाजी की निंदा कर चुके हैं. एर्नेस्टो अरेजो ने कई दफा चीन का खुलेआम विरोध किया, जिसका असर द्विपक्षीय संबंधों पर भी पड़ा. साथ ही वो पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पक्षधर भी माने जाते रहे थे ऐसे में नई सरकार से संबंध अच्छे नहीं हो पाए. आपको बता दें कि भारत ने भी ब्राजील को कोरोना वैक्सीन पहुंचाई थी, जिसका शुक्रिया ब्राजीली राष्ट्रपति ने ट्विटर के जरिए किया था. गौरतलब है कि कोरोना संकट ने जब दुनिया में अपने पैर पसारे तब से ही ब्राजील इसकी चपेट में आया हुआ है. कुल केस के मामले में ब्राजील दुनिया का दूसरा सबसे प्रभावित देश है, जबकि यहां सवा तीन लाख से अधिक लोगों की जान इस महामारी ने ली है.![](/newspic/picid-1269750-20250214181736.jpg)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात ने दोनों नेताओं के बीच गहरी मित्रता को दर्शाया. ट्रंप ने मोदी को 'आई मिस यू' कहकर स्वागत किया, जबकि मोदी ने दोनों देशों के संबंधों को '1+1=111' बताया. दोनों नेताओं ने व्यापार, सुरक्षा और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की. ट्रंप ने मोदी को 'महान नेता' और 'खास व्यक्ति' बताया. मोदी ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा. दोनों नेताओं ने यूक्रेन युद्ध पर भी चर्चा की और शांति की आवश्यकता पर जोर दिया.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात में दोस्ती और व्यापार पर चर्चा हुई. दोनों नेताओं ने एक-दूसरे की तारीफ की, लेकिन व्यापार मुद्दों पर तनाव बरकरार रहा. ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा की, जो भारत के लिए चुनौती हो सकती है. मुलाकात में एफ-35 फाइटर जेट्स और तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर भी चर्चा हुई.