![कोरोना वैक्सीन को लेकर क्यों आपस में भिड़ गए हैं यूरोप के देश?](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202103/vc_0-sixteen_nine.jpg)
कोरोना वैक्सीन को लेकर क्यों आपस में भिड़ गए हैं यूरोप के देश?
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कोरोना महामारी से जूझ रहे दुनिया के कई देश वैक्सीन के लिए बड़े देशों पर निर्भर हैं लेकिन पहले ओवरबुकिंग और अब बड़े देशों में सप्लाई को लेकर जंग छिड़ गई है. यूरोप के देशों और ब्रिटेन में तो तनाव इस हद तक बढ़ गया है कि बैन की धमकी तक एक-दूसरे को देने लगे हैं. पेटेंट को लेकर भी अमीर और गरीब देश आमने-सामने हैं.
एक तरफ जहां कोरोना महामारी दुनिया भर में तेजी से वापसी कर रही है वहीं वैक्सीनेशन को तेज करने की जरूरत भी एक्सपर्ट बता रहे हैं. दुनिया के कई देश ऐसे भी हैं जहां अभी तक कोरोना वैक्सीन की एक भी डोज नहीं पहुंची है वहीं कई देशों में भारत समेत कुछ देशों की भेजी वैक्सीन से टीकाकरण शुरू हुआ है लेकिन अभी भी बड़ी तादाद में लोगों को वैक्सीन का इंतजार है ताकि महामारी से सुरक्षा को मजबूत किया जा सके. लेकिन इन सबके बीच कोरोना की वैक्सीन को लेकर यूरोप के देशों में अलग ही जंग का नजारा देखने को मिल रहा है. ऑक्सफोर्ड द्वारा तैयार एस्ट्राजेनका की वैक्सीन को लेकर विवाद यूरोपीय यूनियन के देशों और ब्रिटेन के बीच बढ़ता जा रहा है. बल्कि यूरोपीय यूनियन ने ब्रिटेन को धमकी तक दे डाली है कि अगर एस्ट्राजेनका की वैक्सीन की उसे सप्लाई शुरू नहीं हुई तो ब्रिटेन में बनी वैक्सीन पर बैन लगाया जा सकता है.![](/newspic/picid-1269750-20250214181736.jpg)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात ने दोनों नेताओं के बीच गहरी मित्रता को दर्शाया. ट्रंप ने मोदी को 'आई मिस यू' कहकर स्वागत किया, जबकि मोदी ने दोनों देशों के संबंधों को '1+1=111' बताया. दोनों नेताओं ने व्यापार, सुरक्षा और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की. ट्रंप ने मोदी को 'महान नेता' और 'खास व्यक्ति' बताया. मोदी ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा. दोनों नेताओं ने यूक्रेन युद्ध पर भी चर्चा की और शांति की आवश्यकता पर जोर दिया.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात में दोस्ती और व्यापार पर चर्चा हुई. दोनों नेताओं ने एक-दूसरे की तारीफ की, लेकिन व्यापार मुद्दों पर तनाव बरकरार रहा. ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा की, जो भारत के लिए चुनौती हो सकती है. मुलाकात में एफ-35 फाइटर जेट्स और तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर भी चर्चा हुई.
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक में दोनों देशों के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग पर गहन चर्चा की गई. इस चर्चा में अमेरिका ने भारत को F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट्स, स्ट्राइकर कॉम्बैट व्हीकल्स और जावलिन मिसाइल्स की पेशकश की. विशेषज्ञों का विचार है कि ये हथियार भारत की आत्मनिर्भरता नीति के सटीक अनुरूप नहीं हैं.
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रूस-यूक्रेन जंग को खत्म करने का ब्लू प्रिंट अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लगभग तैयार कर लिया है. इससे पहले ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन और यू्क्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से फोन पर बातचीत की. ट्रंप चाहते हैं कि नाटो में शामिल होने की जिद्द यूक्रेन छोड़ दे लेकिन जेलेंस्की ने अपने देश की सुरक्षा का हवाला दिया है.
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PM नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बीच हुई मुलाकात में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई. आतंकवाद से निपटने में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बन गई, जिसमें ठाकुर हसन राणा के प्रत्यर्पण का विषय भी शामिल था. फार्मास्यूटिकल क्षेत्र में भारत-अमेरिका के सहयोग पर भी वार्ता हुई, जहाँ अमेरिकी बाजार में भारतीय जेनेरिक दवाओं की भारी मांग है.