
कोरोना प्राकृतिक है या लैब में बनाया गया? अमेरिकी एक्सपर्ट फाउची ने दिया ये जवाब
AajTak
कोरोना संकट पर बोलकर दुनिया भर में सुर्खियां बटोरने वाले अमेरिकी एक्सपर्ट डॉ. एंथेनी फाउची ने भी बड़ा बयान दे दिया है. फाउची का कहना है कि कोरोना एक प्राकृतिक बीमारी है, ये स्वीकार करना आसान नहीं है.
कोरोना महामारी क्या प्राकृतिक है या फिर इसे लैब में बनाया गया है? ये सवाल अभी भी एक बड़ी पहेली है. इन सवालों के बीच कोरोना संकट पर बोलकर दुनिया भर में सुर्खियां बटोरने वाले अमेरिकी एक्सपर्ट डॉ. एंथेनी फाउची ने भी बड़ा बयान दे दिया है. फाउची का कहना है कि कोरोना एक प्राकृतिक बीमारी है, ये स्वीकार करना आसान नहीं है. दरअसल, हाल ही में एक इंटरव्यू में जब एंथेनी फाउची से सवाल हुआ कि क्या उन्हें भरोसा है कि कोरोना वायरस प्राकृतिक तरीके से ही आया है? इसपर फाउची ने जवाब दिया कि नहीं, मैं इसपर विश्वास नहीं करूंगा. मुझे लगता है इस बात की जांच होनी बाकी है कि चीन में ऐसा क्या हुआ, जिससे कोरोना वायरस आया. फाउची के मुताबिक, अभी तक जिन्होंने कुछ जांच की है उनके मुताबिक ये किसी जानवर से आया है और फिर इंसानों में फैला है. लेकिन ये कुछ और भी हो सकता है. अमेरिकी एक्सपर्ट का कहना है कि अभी हमें इसपर जांच की जरूरत है, ताकि हम वायरस के ओरिजन का पता लगा सकें. आपको बता दें कि डॉ. फाउची कोरोना संकट की शुरुआत से ही अमेरिका में इस वायरस के खिलाफ लड़ाई की अगुवाई कर रहे हैं. हालांकि, बीच में डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के साथ हुए विवाद के बीच वह हटे थे, लेकिन जो बाइडेन प्रशासन ने फिर उन्हें वापस बुलाया.कोरोना के पीछे चीन का हाथ? बता दें कि कोरोना वायरस को लेकर अभी तक अलग-अलग थ्योरी सामने आ रही हैं. शुरुआत में जहां इस वायरस की वजह एक चमगादड़ को बताया गया, बाद में लैब में किया गया एक प्रयोग होने का दावा किया गया तो किसी ने इसे एक बायोलिजिकल हथियार के तौर पर माना. विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा कोविड के ओरिजन पर जांच भी बैठाई गई, लेकिन चीन ने उसमें ना के बराबर ही सहयोग किया. हालांकि, अमेरिका समेत दुनिया के कई ताकतवर देश कोविड के पीछे चीन को ही जिम्मेदार मानते हैं.More Related News

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.