
कोरोना के बाद अब महंगाई की मार, करोड़ों लोग होने वाले हैं गरीब, IMF ने दी ये चेतावनी
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आईएमएफ की मैनेजिंग डाइरेक्टर (IMF MD) क्रिस्टालिना जियॉर्जिएवा (Kristalina Georgieva) ने साफ कहा कि अगला साल यानी 2023 भी कम चुनौतीपूर्ण नहीं होने वाला है. अभी दशकों के उच्च स्तर पर पहुंची महंगाई के कारण दुनिया भर में करोड़ों लोग गरीबी के शिकंजे में फंसने वाले हैं.
आर्थिक मोर्चे पर दुनिया की चुनौतियां कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. पहले कोरोना महामारी (Covid-19) ने दुनिया भर की अर्थव्यवस्थाओं (Global Economies) के लिए मुश्किल हालात पैदा किया. अब दुनिया महंगाई (Inflation) की मार से परेशान है और वैश्विक आर्थिक मंदी (Global Economic Recession) का खतरा सिर पर है. इस बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) की प्रमुख क्रिस्टालिना जियॉर्जिएवा (Kristalina Georgieva) ने महंगाई को लेकर एक ऐसी चेतावनी दी है, जो दुनिया भर के नीति-नियंताओं के लिए चिंता बढ़ाने वाली है. उन्होंने साफ कहा कि अगला साल यानी 2023 भी कम चुनौतीपूर्ण नहीं होने वाला है और अभी दशकों के उच्च स्तर पर पहुंची महंगाई के कारण दुनिया भर में करोड़ों लोग गरीबी के शिकंजे में फंसने वाले हैं.
और मुश्किलें लेकर आएगा साल 2023
आईएमएफ की मैनेजिंग डाइरेक्टर (IMF MD) ने एक ब्लॉग पोस्ट 'Facing a Darkening Economic Outlook: How the G20 Can Respond' में ये चेतावनी दी. उन्होंने कहा कि यह साल ही कम चुनौतियों वाला नहीं है, लेकिन अगले साल चुनौतियां और गंभीर हो जाएंगी. जियॉर्जिएवा ने पोस्ट में कहा कि दुनिया को हाल-फिलहाल महंगाई की उच्च दर से राहत मिलने की कोई उम्मीद दिखाई नहीं दे रही है. दुनिया पहले से कोविड-19 महामारी और रूस-यूक्रेन जंग (Russia-Ukraine War) की दोहरी चुनौती का सामना कर रही है. इस बीच महंगाई की मार ने मंदी का जोखिम बढ़ा दिया है.
महंगाई की मार से फिलहाल नहीं मिलेगी राहत
उन्होंने कहा कि चिंता की सबसे बड़ी बात दुनिया भर में महंगाई की उच्च दर है. पूर्वी यूरोप (Eastern Europe) में जारी लड़ाई ने इसे और बढ़ाया है. इससे पहले आईएमएफ ने अप्रैल 2022 में जारी इकोनॉमिक आउटलुक (IMF Economic Outlook) में कहा था कि पहले से उच्च स्तर पर पहुंची महंगाई लंबे समय तक परेशान करने वाली है. आईएमएफ के अनुमान के अनुसार, साल 2022 के दौरान विकसित अर्थव्यवस्थाओं (Advanced Economies) में महंगाई की दर 5.7 फीसदी रह सकती है, जबकि विकासशील देशों (Emerging Economies) में यह दर बढ़कर 8.7 फीसदी पर पहुंच जाने के अनुमान हैं.
ऐसा है अभी देश-दुनिया में महंगाई का हाल

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