कैसे हुआ LJP में चिराग तले अंधेरा? जानें 'अपनों' के बगावत की इनसाइड स्टोरी
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लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के अंदरुनी कलह के बाद अब चिराग पासवान आधिकारिक तौर पर लोकसभा में पार्टी के संसदीय दल के नेता नहीं रहे. चिराग की जगह उनके चाचा पशुपति पारस लोकसभा में एलजेपी संसदीय दल के नेता होंगे.
रामविलास पासवान के सांसद भाई पशुपति पारस के नेतृत्व में लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के चार अन्य सांसदों ने रविवार को लोकसभा स्पीकर से रात 8:30 बजे मुलाकात कर एक पत्र दिया कि पाशुपति पारस को चिराग पासवान की जगह एलजेपी संसदीय दल का नेता बनाया जाए. सुबह पशुपति पारस ने सांसदों की तरफ से पूरी स्थिति साफ करते हुए कहा कि एनडीए का गठबंधन बिहार में बहुत मजबूत है. मुख्यमंत्री नीतिश कुमार बिहार में बहुत विकास का काम कर रहे हैं. बिहार में विधानसभा चुनाव में नीतिश का विरोध करना सही फैसला नहीं था. दिल्ली में बिहार की राजनीति के लिए सोमवार का दिन काफी अहम रहा. लोक जनशक्ति पार्टी के अध्यक्ष और लोकसभा में एलजेपी संसदीय दल के नेता चिराग पासवान अपने पार्टी के सांसद और रिश्ते के चाचा पशुपति पारस के घर आए लेकिन चिराग पासवान को लगभग 25 मिनट बाद घर में एंट्री मिली. चिराग को जो संदेश गया, उसका मतलब साफ था कि अब राजनीतिक रास्ते अलग होने जा रहे हैं.मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
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