कैसी होगी मोदी 3.0 सरकार? प्रशांत किशोर ने 4 जून के बाद की कर दी भविष्यवाणी!
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प्रशांत किशोर एक राजनीतिक विश्लेषक हैं जिनका कहना है कि मोदी 3.0 सरकार में पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जा सकता है. राज्यों के लिए बजट के संबंध में नियमों को सख्त किया जा सकता है. इससे राज्यों की केंद्र सरकार पर निर्भरता बढ़ेगी. उन्होंने आजतक से बातचीत में और भी कई भविष्यवाणी की हैं.
राजनीतिक विश्लेषक प्रशांत किशोर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तीसरे कार्यकाल में पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को जीएसटी के दायरे में लाया जा सकता है. राज्यों की फाइनेंशियल ऑटनोमी पर अंकुश लगाया जा सकता है. इंडिया टुडे के साथ एक इंटरव्यू में, प्रशांत किशोर ने मोदी सरकार की भ्रष्टाचार विरोधी नैरेटिव में स्ट्रक्चरल और ऑपरेशनल बदलावों की भविष्यवाणी की.
प्रशांत किशोर ने कहा, "मुझे लगता है कि मोदी 3.0 सरकार धमाकेदार शुरुआत करेगी. केंद्र के पास शक्ति और संसाधन दोनों का और भी ज्यादा कंसंट्रेशन होगा. राज्यों की फाइनेंशियल ऑटोनोमी में कटौती करने की भी कोशिश की जा सकती है." 2014 में बीजेपी और पीएम मोदी के लिए चुनावी अभियान का प्रबंधन करने वाले प्रशांत किशोर ने कहा कि प्रधानमंत्री के खिलाफ कोई बड़ा गुस्सा नहीं है और बीजेपी लगभग 303 सीटें जीतेगी.
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'पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जा सकता है'
राजनीतिक रणनीतिकार किशोर ने कहा कि राज्यों के पास वर्तमान में राजस्व के तीन प्रमुख स्रोत हैं - पेट्रोलियम, शराब और भूमि. उन्होंने कहा, ''मुझे आश्चर्य नहीं होगा अगर पेट्रोलियम को जीएसटी के दायरे में लाया जाए.'' फिलहाल पेट्रोल, डीजल, एटीएफ और नेचुरल गैस जैसे पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स जीएसटी के दायरे से बाहर हैं. हालांकि, उन पर अभी भी वैट, सेंट्रल सेल्स टैक्स और सेंट्रल एक्साइज ड्यूटी लगते हैं.
पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स को जीएसटी के तहत लाना इंडस्ट्री की लंबे समय से मांग रही है. देश के राज्य इस मांग के खिलाफ रहे हैं, क्योंकि राज्यों को इससे राजस्व का भारी नुकसान होगा.
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