केजरीवाल के लिए अब कितना मुश्किल होगा 'आम आदमी' बन कर रह पाना? | Opinion
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कानून के कोर्ट से जमानत पर जेल से छूटे अरविंद केजरीवाल अब इंसाफ के लिए जनता की अदालत में जाने वाले हैं- और दिल्ली वालों से वो ईमानदारी का सर्टिफिकेट चाहते हैं.
अरविंद केजरीवाल के बारे में धीरे धीरे ऐसी धारणा बनने लगी थी कि वो आम आदमी सिर्फ नाम भर रह गये हैं. भ्रष्टाचार के आरोप में जेल जाना भी उनकी छवि पर धब्बा ही है, तब तक जब तक कि वो अदालत से बेदाग होकर नहीं निकल जाते.
कानूनी लड़ाई में जमानत के रूप में सुप्रीम कोर्ट से फिलहाल राहत जरूर मिली है, लेकिन आगे भी अदालत के चक्कर काटते रहने होंगे - लेकिन अब वो जनता की अदालत में अपने हिस्से का इंसाफ मांगने जा रहे हैं.
दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद अरविंद केजरीवाल सरकारी आवास तो छोड़ेंगे ही, आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह के मुताबिक, बाकी सारी सुविधाओं से भी फिलहाल तौबा करने का इरादा कर लिया है - लेकिन क्या ये सब इतना आसान होगा?
क्या वो फिर से पहले वाले अरविंद केजरीवाल बन पाएंगे? और अगर पहले वाले केजरीवाल बनने की कोशिश भी करें, तो क्या दिल्ली के लोगों की मंजूरी मिल जाएगी?
बीजेपी ने संजय सिंह के दावे को नौटंकी करार दिया है. दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा का कटाक्ष है, अरविंद केजरीवाल को लेकर अब नीली वैगनआर में दिखेंगे, और उनकी पत्नी सुनीता केजरीवाल ठेले से सब्जी खरीदते दिखेंगी.
आसान नहीं होता सरकारी सुविधाओं से तौबा कर पाना!
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