कुवैत अग्निकांड: आग से बचने को केरल के शख्स ने लगा दी छलांग, पसलियां टूटीं लेकिन बच गई जान
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कुवैत के अधिकारियों ने बताया कि देश के अहमदी प्रांत के मंगाफ में सात मंजिला इमारत में लगी भीषण आग में 49 विदेशी कामगारों की जान चली गई है, जिनमें करीब 40 भारतीय शामिल हैं और 50 अन्य घायल हो गए हैं. रसोई में लगी आग बुधवार सुबह करीब 4 बजे लगी, जब 195 प्रवासी कामगारों में से अधिकांश सो रहे थे.
कुवैत में आवासीय इमारत में लगी आग की त्रासदी के बाद लोग शोक और सदमे में हैं. इस अग्निकांड में 40 भारतीयों समेत 49 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई. इस बीच साहस और जीवित रहने की एक कहानी सामने आई है, जो केरल के लिए राहत की एक किरण लेकर आई है. अग्निकांड के समय उत्तरी केरल के त्रिक्कारिपुर के निवासी नलिनाक्षन इमारत की की तीसरी मंजिल के अपार्टमेंट में फंसे थे.
आग की लपटों से बचने के लिए उन्होंने एक ऐसा फैसला लिया, जिससे उसकी जान बच गई. वह पास के पानी के टैंक पर कूद गए. हालांकि, इससे उनकी पसलियां टूट गईं और शरीर पर कई गंभीर चोटें भी आईं, लेकिन वह बच गए. इसके बाद पास में रहने वाले रिश्तेदारों ने उन्हें तुरंत ढूंढ निकाला और तत्काल चिकित्सा देखभाल के लिए कुवैत के एक अस्पताल में ले गए.
पीटीआई के मुताबिक नलिनाक्षन के चाचा बालकृष्णन ने एक समाचार चैनल को बताया, "हमें बुधवार को सुबह 11 बजे के आसपास यह चौंकाने वाली खबर मिली. वह पानी की टंकी पर कूद गया था, लेकिन हिल नहीं पा रहा था. हमारे रिश्तेदारों ने उसे वहां पाया और तुरंत अस्पताल ले गए. परिवार नलिनाक्षन से फोन पर ज्यादा बात नहीं कर पाया, क्योंकि उसके मुंह से खून बह रहा था."
बालकृष्णन ने बताया, "हम चोटों के कारण नलिनाक्षन से ज्यादा बात नहीं कर पाए हैं. उसकी सर्जरी की जाएगी और हम थोड़ी राहत महसूस कर रहे हैं, क्योंकि उसका इलाज वहां एक अच्छे अस्पताल में चल रहा है."
बता दें कि नलिनाक्षन मार्च में यहां वार्षिक कलियाट्टम उत्सव में भाग लेने के लिए अपने परिवार से मिलने आए थे. केरल राज्य के गैर-निवासी केरलवासी मामलों के विभाग (NORKA रूट्स) के अनुसार, कुवैत अग्नि त्रासदी में मरने वाले केरल के लोगों की संख्या बढ़कर 24 हो गई है.
कुवैत के अधिकारियों ने बताया है कि देश के अहमदी प्रांत के मंगाफ में सात मंजिला इमारत में लगी भीषण आग में 49 विदेशी कामगारों की जान चली गई है, जिनमें करीब 40 भारतीय शामिल हैं और 50 अन्य घायल हो गए हैं. रसोई में लगी आग बुधवार सुबह करीब 4 बजे लगी, जब 195 प्रवासी कामगारों में से अधिकांश सो रहे थे.
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