कुंभनगरी पहुंचे 'धान वाले बाबा' क्यों खींच रहे सबका ध्यान, देखें
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प्रयागराज में धान वाले बाबा की कहानी अनोखी है. अमरजीत सिंह, जिन्हें धान वाले बाबा कहा जाता है, अपने सिर पर जौ उगाकर परंपरागत खेती को बढ़ावा दे रहे हैं. उनका मानना है कि बिना रसायनों के खेती करना बेहतर है और इसे जन-जन तक पहुंचाने के लिए वे यह प्रयास कर रहे हैं.
यूनिवर्सिटी ऑफ कोलोराडो बोल्डर की वायरोलॉजिस्ट सारा सॉयर कहती हैं- वायरस हमारी दुनिया में नहीं रहे हैं बल्कि हम वायरस की दुनिया में रह रहे हैं. उन्होंने हमें जीवनदान दिया हुआ है. पृथ्वी पर मौजूद कुल जीव-जंतुओं कीआबादी वायरस की संख्या की तुलना में कुछ भी नहीं है. किस्मत अच्छी है कि सभी वायरस हमें नुकसान नहीं पहुंचाते. क्योंकि वायरस बेहद चुनिंदा कोशिकाओं पर ही हमला करते हैं.
महाराष्ट्र के संभाजीनगर में धर्मगुरु रामगिरि ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है. उन्होंने कहा कि जन, गण, मन... की बजाय वंदे मातरम हमारा राष्ट्रगान होना चाहिए. साथ ही रामगिरि ने महान कवि रबींद्रनाथ टैगोर की भी आलोचना की. रामगिरि महाराज ने कहा कि राष्ट्रगान भारत के लोगों के लिए नहीं था, इसलिए भविष्य में हमें इसके लिए भी संघर्ष करना होगा और वंदे मातरम् हमारा राष्ट्रगान होना चाहिए.