
'किसी भी हिंदू को नहीं छोड़ेंगे...', नागपुर में दंगाइयों ने कैसे मचाया आतंक, FIR में दर्ज है पूरा किस्सा
AajTak
नागपुर में 17 मार्च को हुई हिंसा के मामले में पुलिस लगातार एक्शन ले रही है. अब तक 5 एफआईआर दर्ज हुई हैं. 51 लोग गिरफ्तार हुए हैं. 32 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हुए, इनमें 3 डीसीपी रैंक के अधिकारी थे. इलाज के बाद ज्यादातर पुलिसकर्मियों ने ड्यूटी जॉइन कर ली है. अभी भी नागपुर में 11 पुलिस थाना क्षेत्र में कर्फ्यू जारी है.
महाराष्ट्र के नागपुर में हिंसा थमने के बाद पुलिस एक्शन तेज होता जा रहा है. हिंसा में दर्ज एफआईआर की कॉपी से कई सनसनीखेज खुलासे हुए हैं. एफआईआर में 51 आरोपियों को नामजद किया गया है. 10 टीमें उपद्रवियों की तलाश कर रही हैं. एफआईआर के मुताबिक, भीड़ ने भड़काऊ नारे लगाए और झूठी अफवाहें फैलाते हुए कहा- हम पुलिस को अब दिखा देंगे. हम उन्हें या किसी भी हिंदू को नहीं छोड़ेंगे. जानिए FIR की बड़ी बातें...
नागपुर के 11 थाना क्षेत्रों में आज भी कर्फ्यू जारी है. हालांकि नागपुर में हालात सामान्य हैं. ऐहतियात के दौर पर पुलिस की निगरानी है. मंगलवार रात पुलिस कमिश्नर की अगुआई में पुलिस ने फ्लैग मार्च किया. नागपुर पुलिस इलाकों का जायजा ले रही है. कर्फ्यू खोलने पर जल्द फैसला लिया जा सकता है. नागपुर में सोमवार को अफवाह के बाद दो समुदाय में हिंसक झड़प हुई थी. उपद्रवियों ने कई गाड़ियां फूंक दी थीं.
सुनियोजित साजिश के एंगल पर जांच
पथराव में 32 से ज्यादा पुलिस कर्मी घायल हो गए थे, जिनमें 3 डीसीपी रैंक के अधिकारी शामिल हैं. उपद्रवियों ने महिला पुलिसकर्मियों के साथ दुर्व्यवहार किया. अश्लील इशारे और अश्लील टिप्पणियां की गईं. पुलिस जांच कर रही है कि क्या हिंसा के पीछे कहीं कोई सुनियोजित साजिश तो नहीं थी.
एफआईआर में क्या-क्या दावे...
- नागपुर हिंसा में 57 धाराओं में एफआईआर दर्ज हुई है. इनमें BNS की 46 धाराएं लगाई गई हैं. मामले में 51 आरोपी नामजद हैं.

छत्रपति शिवाजी महाराज चौक पर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के पदाधिकारियों ने सोमवार को औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था. इस दौरान कथित तौर पर औरंगजेब की तस्वीर पर चादर और कुछ इस्लामिक प्रतीकों को जलाने की घटना सामने आई, जिसके कारण कुछ लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत हुईं. इसी को लेकर पुलिस ने मामला दर्ज किया था.

'आयत लिखी कोई चादर नहीं जली, दोषियों को कब्र से भी खोद निकालेंगे…', नागपुर हिंसा पर बोले सीएम फडणवीस
सीएम फडणवीस ने विधानसभा में कहा कि नागपुर हमेशा से शांतिप्रिय शहर रहा है, यहां तक कि 1992 के सांप्रदायिक तनाव के समय भी शहर में दंगे नहीं हुए थे. लेकिन इस बार कुछ असामाजिक तत्वों ने जानबूझकर हिंसा भड़काने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि इस मामले की पूरी जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.

नागपुर में हुई हिंसा पर सियासत तेज हो गई है. उद्धव ठाकरे गुट ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़नवीस को घेरा है. नितेश राणे और टी राजा सिंह के भड़काऊ बयानों पर कार्रवाई की मांग की गई है. एफआईआर में खुलासा हुआ है कि उपद्रवियों ने महिला पुलिसकर्मियों के साथ छेड़छाड़ की और उनके कपड़े फाड़ने की कोशिश की.

औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग पर सियासत गर्म हो गई है. जहां बीजेपी से जुड़े कुछ नेता और संगठन इस मांग का समर्थन कर रहे हैं, वहीं जेडीयू और एनसीपी ने इसे गलत बताया है. विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बजरंग दल जैसे संगठन लगातार औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन संघ परिवार से जुड़े लोगों ने इस मांग को लेकर अब स्पष्ट संकेत दिए हैं कि संघ किसी भी प्रकार की हिंसा का समर्थन नहीं करता.

दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता, मंत्री प्रवेश वर्मा और भाजपा सांसद बांसुरी स्वराज ने दिल्ली के दयाल सिंह कॉलेज के पास DTC बस डिपो के भीतर सुनहरी पूल नाले को ढकने के काम का निरीक्षण किया. इस महत्वपूर्ण परियोजना का उद्देश्य जल निकासी में सुधार करना और क्षेत्र के निवासियों को बेहतर पर्यावरण उपलब्ध कराना है.