कराची एयरपोर्ट के पास हुए ब्लास्ट में विदेशी खुफिया एजेंसी का हाथ: रिपोर्ट में दावा
AajTak
पिछले हफ्ते रविवार को बलूच विद्रोही ग्रुप द्वारा चीनी श्रमिकों के काफिले को निशाना बनाकर किए गए आत्मघाती हमले में दो चीनी नागरिक मारे गए और 17 लोग घायल हो गए थे.
पिछले दिनों पाकिस्तान (Pakistan) में कराची के सबसे मशगूल एयरपोर्ट के पास एक धमाका होने का मामला सामने आया था. अब मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है, "धमाके की प्रारंभिक रिपोर्ट से संकेत मिलता है कि यह हमला एक विदेशी खुफिया एजेंसी की सहायता से किया गया था." The Express Tribune की रिपोर्ट के मुताबिक, आतंकवाद निरोधी विभाग (CTD) द्वारा आतंकवाद निरोधी अदालत को सौंपी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि आत्मघाती बम विस्फोट पाकिस्तान-चीन संबंधों को नुकसान पहुंचाने की साजिश के तहत चीनी इंजीनियरों को निशाना बनाकर किया गया.
पिछले हफ्ते रविवार को बलूच विद्रोही ग्रुप द्वारा चीनी श्रमिकों के काफिले को निशाना बनाकर किए गए आत्मघाती हमले में दो चीनी नागरिक मारे गए और 17 लोग घायल हो गए थे.
हमलों पर उठते कई सवाल
रविवार रात को जिन्ना इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास हुए विस्फोट में संदिग्ध आत्मघाती हमलावर की भी मौत हो गई. रिपोर्ट के मुताबिक, शुरुआती जांच में बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) को हमले में शामिल बताया गया है और संकेत दिया है कि हमले को एक विदेशी खुफिया एजेंसी की सहायता से अंजाम दिया गया था. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह सुझाव दिया गया है कि एक अज्ञात आतंकवादी ने धमाका करने से पहले चीनी नागरिकों के काफिले के पास अपना वेहिकल पार्क किया था.
धमाके की आवाज सुनकर पुलिस मौके पर पहुंची, वहां पुलिस और रेंजर्स के कर्मियों सहित घायल लोगों को पाया. चीनी नागरिक शहर के बाहरी इलाके में पोर्ट कासिम इलेक्ट्रिक पावर कंपनी में काम कर रहे थे और जब उनके काफिले पर हमला हुआ तो वे घर लौट रहे थे. स्टेशन हाउस ऑफिसर की निगरानी में एयरपोर्ट पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज किया गया है. सीटीडी की रिपोर्ट में हत्या, हत्या का प्रयास, हमला, विस्फोटक सामग्री का उपयोग और आतंकवाद के अलावा अन्य आरोप शामिल हैं.
यह भी पढ़ें: कराची एयरपोर्ट के पास फिदायीन हमला, 2 चीनी नागरिकों की मौत, मजीद ब्रिगेड ने ली जिम्मेदारी
यूक्रेन युद्ध को 1000 दिन हो चुके हैं और इस दौरान वहां से लाखों लोग विस्थापित होकर देश छोड़ चुके है. ये लोग यूक्रेन के सभी पड़ोसी देशों में पलायन कर गए हैं जिसमें मोल्दोवा, स्लोवाकिया, इटली, पोलैंड, जर्मनी, फ्रांस और ब्रिटेन शामिल हैं. इस तरह पिछले ढाई सालों में यूक्रेन के लोग पूरे यूरोप में विस्थापित हो चुके हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को डोमिनिका के सर्वोच्च पुरस्कार 'डोमिनिका अवार्ड ऑफ ऑनर' से सम्मानित किया गया. इस सम्मान का आयोजन गुयाना में आयोजित भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन में डोमिनिका की राष्ट्रपति सिल्वेनी बर्टन ने किया. प्रधानमंत्री मोदी ने इस सम्मान को प्राप्त करने के बाद इसे भारत के 140 करोड़ नागरिकों को समर्पित किया है. देखें...
इस सम्मान से सम्मानित होने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि गुयाना के सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित किए जाने पर मैं मेरे मित्र राष्ट्रपति इरफान अली का ह्रदय से आभार व्यक्त करता हूं. ये सम्मान केवल मेरा ही नहीं बल्कि भारत के 140 करोड़ लोगों का सम्मान है. यह हमारे संबंधों के प्रति आपकी गहरी प्रतिबद्धता का सजीव प्रमाण है जो हमें हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता रहेगा.