कभी खत्म नहीं होगा कोरोना? वेरिएंट्स ने बढ़ाई एक्सपर्ट की चिंता
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आम बात है कि आबादी अगर एक बार हर्ड इम्युनिटी यानी बीमारी से लड़ने की क्षमता हासिल कर लेती है तो महामारी खत्म हो जाती है और अधिकतर लोगों में प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो चुकी होती है. ऐसे में संक्रामक बीमारी को फैलने की आशंका न्यूनतम हो जाती है.
पिछले वर्ष हम सोच रहे थे कि कुछ समय बाद कोरोना वायरस से उपजी महामारी समाप्त हो जाएगी और फिर हमारा जीवन 'सामान्य' हो जाएगा. लेकिन यह सोच निश्चित रूप से गलत साबित हुई है. फ्लू की तरह ही SARS-CoV-2 मानव का स्थायी दुश्मन बन सकता है. यह फ्लू की तरह ही नुकसानदायक होगा, लेकिन उससे कहीं ज्यादा बुरा होगा...और यदि यह धीरे-धीरे खत्म भी हो गया तो हमारा जीवन और रोजमर्रा की जिंदगी तब तक पूरी बदल चुकी होगी. तब जीवन के फिर से 'पटरी' पर आने का विकल्प खत्म हो गया होगा और सिर्फ आगे बढ़ना होगा, लेकिन सवाल है कि वास्तव में क्या होगा? (फोटो-Getty Images) यह आम बात है कि आबादी अगर एक बार हर्ड इम्युनिटी यानी बीमारी से लड़ने की क्षमता हासिल कर लेती है तो महामारी खत्म हो जाती है और अधिकतर लोगों में प्रतिरोधक क्षमता विकसित हो चुकी होती है. ऐसे में संक्रामक बीमारी को फैलने की आशंका न्यूनतम हो जाती है. यह प्रतिरोधक क्षमता उनमें विकसित होती जो संक्रमण से उबर चुके हैं. टीकाकरण के बाद उनमें प्राकृतिक रूप से हर्ड इम्युनिटी भी विकसित हो चुकी होती है. दुनियाभर में यह एक सिलसिला है जो महामारियों से उबरने के दौरान देखने को मिलता है. (फोटो-Getty Images)प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को डोमिनिका के सर्वोच्च पुरस्कार 'डोमिनिका अवार्ड ऑफ ऑनर' से सम्मानित किया गया. इस सम्मान का आयोजन गुयाना में आयोजित भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन में डोमिनिका की राष्ट्रपति सिल्वेनी बर्टन ने किया. प्रधानमंत्री मोदी ने इस सम्मान को प्राप्त करने के बाद इसे भारत के 140 करोड़ नागरिकों को समर्पित किया है. देखें...
इस सम्मान से सम्मानित होने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि गुयाना के सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित किए जाने पर मैं मेरे मित्र राष्ट्रपति इरफान अली का ह्रदय से आभार व्यक्त करता हूं. ये सम्मान केवल मेरा ही नहीं बल्कि भारत के 140 करोड़ लोगों का सम्मान है. यह हमारे संबंधों के प्रति आपकी गहरी प्रतिबद्धता का सजीव प्रमाण है जो हमें हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता रहेगा.
अमेरिका के कैलिफोर्निया स्टेट के लॉस एंजलेस शहर में यूएस इमिग्रेशन डिपार्टमेंट एक शख्स के ट्रैवल डॉक्यूमेंट चेक कर रहा था. उसके पास भारतीय पासपोर्ट था. पासपोर्ट पर उसका नाम भानू लिखा हुआ था. बाद में खुलासा हुआ कि भानू कोई और नहीं बल्कि लॉरेंस बिश्नोई का छोटा भाई और दस लाख रुपये का इनामी आतंकवादी अनमोल बिश्नोई है.