
कनाडा में पनप रहे खालिस्तान पर बड़ा खुलासा, पाकिस्तान और ISI लिंक आया सामने
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कनाडा में पन रहे खालिस्तान का पाकिस्तान से लिंक पर बड़ा खुलासा हुआ. सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI कनाडा में खालिस्तान गतिविधियों को तेज करने के लिए फंडिंग कर रही है. सूत्रों के मुताबिक पिछले कुछ महीनों में कनाडा में रह रहे खालिस्तानियों के आकाओं को बड़ी संख्या में फंडिंग मिली है.
भारत पर कीचड़ उछालने की कोशिश कर रहे कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो को दुनिया ने नकार दिया है. ट्रुडो ने अपनी संसद में भारत के ऊपर एक आतंकवादी की हत्या के जो बेबुनियाद आरोप लगाए हैं, उन आरोपों के साथ दुनिया का कोई देश खड़ा नहीं दिख रहा. इस बीच कनाडा में पन रहे खालिस्तान का पाकिस्तान से लिंक पर बड़ा खुलासा हुआ. सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI कनाडा में खालिस्तान गतिविधियों को तेज करने के लिए फंडिंग कर रही है.
जानकारी के मुताबिक पिछले कुछ महीनों में कनाडा में रह रहे खालिस्तानियों के आकाओं को बड़ी संख्या में फंडिंग मिली है. इसका इस्तेमाल लोगों को प्रदर्शन की जगहों पर ले जाने, पोस्टर, बैनर और भारत के खिलाफ युवाओं को भड़काने के लिए किया जा रहा है. यहां पर भारत से पढ़ने के लिए जाने वाले छात्रों को साजिश में शामिल करने के लिए प्लान भी तैयार किया जा रहा है.
25 सितंबर को खालिस्तान समर्थित रैली में हिंसा की आशंका
उधर, कनाडा में 25 सितबर को भारत के खिलाफ होने वाली खालिस्तान समर्थित रैली में हिंसा की आशंका है। दरअसल, कनाडा में खालिस्तानियों ने 25 सितंबर को भारतीय हाई कमीशन के सामने प्रदर्शन करने की योजना बनाई है। कनाडा में तैनात भारतीय डिप्लोमैट्स और भारतीय नागरिकों को खास तरह से सावधान रहने के लिए कहा गया है। कनाडा में रह रहे 20 से ज़्यादा खालिस्तानी पाकिस्तान की ISI के साथ मिलकर कनाडा में भारत के खिलाफ बड़ी साजिश रच रहे हैं।
भारत ने 9 खालिस्तान समर्थित संगठनों की लिस्ट सौंपी
भारत ने कनाडा को 9 ऐसे खालिस्तान समर्थित आतंकी संगठनों की लिस्ट दी है, जो कनाडा में रहकर लगातार पंजाब और देश की दूसरे जगहों में हिंसा, आतंकी साजिश को अंजाम दे रहे हैं. बावजूद इसके कनाडा के पीएम ट्रुडो भारत के खिलाफ बिना तथ्यों-सबूतों के ही मनगढ़ंत आरोप लगा रहे हैं.

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.