
कनाडा में खालिस्तान समर्थकों ने भारतवंशी पत्रकार के साथ की मारपीट, तमाशा देखती रही पुलिस
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पंजाब में खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के खिलाफ जारी एक्शन के विरोध में विदेश में प्रदर्शन तेज होता जा रहा है. कनाडा में भी खालिस्तान समर्थकों ने भारतीय उच्चायोग का विरोध किया. इस दौरान उच्चायुक्त के कार्यक्रम की कवरेज करने पहुंचे भारतवंशी पत्रकार समीर कौशल के साथ उन्होंने मारपीट भी की.
कनाडा में पत्रकार के साथ खालिस्तानियों द्वारा बदसलूकी का मामला सामने आया है. कनाडा में भारतीय मूल के पत्रकार समीर कौशल को सोमवार शाम ब्रिटिश कोलंबिया के सरे शहर में खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों ने घेर लिया और नारेबाजी शुरू कर दी. कौशल ने ट्विटर पर इस घटना का वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि वह भारतीय उच्चायुक्त की यात्रा को कवर करने के लिए सरे में थे. यहां एक खालिस्तान समर्थक समूह ने उन्हें धमकी दी और उनके साथ मारपीट की. उन्होंने आगे लिखा कि अपने पंजाबी बोलने वाले दोस्तों या सहकर्मियों से पूछिए कि वे यहां कैसे अपमानजनक और शर्मनाक शब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं.
रेडियो AM600 के समाचार निदेशक समीर कौशल ने ट्वीट किया, "विरोध हिंसक होने के बाद भी सरे आरसीएमपी (पुलिस) इस पूरे मामले में मूकदर्शक बनी रही. पुलिस उन्हें रोकने के बजाय मुझे वहां से जाने के लिए कहती रही."
पीएम मोदी के खिलाफ की नारेबाजी
इंडिया टुडे से बातचीत में समीर कौशल ने घटना की जानकारी देते हुए कहा कि उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा सोमवार शाम को भारतीय प्रवासियों द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए कनाडा के पश्चिमी तट पर थे. उन्होंने कहा- "जब मैं वहां पहुंचा, तो वे (खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारी) पूरे रास्ते को घेरकर खड़े हुए थे. जब मैंने उनसे कहा कि मुझे अंदर जाना है, तो उन्होंने मना कर दिया. जब मैंने उन्हें बताया कि मैं यहां कार्यक्रम को कवर करने के लिए हूं, तो उन्होंने कहा कि कोई नहीं जा सकता. उन्होंने कहा, "वे नारे लगा रहे थे, अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल कर रहे थे और भारत के प्रधान मंत्री पर अपमानजनक टिप्पणी कर रहे थे," उन्होंने कहा कि उन्हें खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों ने जानबूझकर निशाना बनाया.
यह मामला खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों द्वारा लंदन और सैन फ्रांसिस्को में भारतीय उच्चायोग पर हमला करने और कैनबरा में ऑस्ट्रेलियाई संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन के एक दिन बाद सामने आया है. लंदन में तिरंगे को भारतीय उच्चायोग से नीचे उतारने की कोशिश की गई थी, लेकिन उच्चायोग के एक कार्मचारी ने तिरंगे को नीचे गिरने से बचा लिया था.
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