
कनाडा में एक और सिख की हत्या, गोलियों से भूना, इस महीने की दूसरी वारदात
AajTak
कनाडा में टारगेट किलिंग का दौर नहीं थम रहा है. एक 24 वर्षीय युवक की गोली मार हत्या कर दी गई है. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है, लेकिन किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया है. इस महीने की ये दूसकी वारदात है जहां पर सिख समुदाय को निशाना बनाया गया है.
कनाडा में सिख समुदाय पर हो रहे हमले कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं. इसी कड़ी में कनाडा के अलबर्ता इलाके में एक 24 वर्षीय सिख युवक की हत्या कर दी गई है. मृतक की पहचान सनराज सिंह के रूप में हुई है. घटना तीन दिसंबर की बताई जा रही है जब पुलिस को सनराज का शव एक गाड़ी में मिला था. उस समय पुलिसकर्मियों की तरफ से पीड़ित को CPR देने की कोशिश की गई थी, लेकिन जब तक उपचार शुरू हो पाता, डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
ऑटोप्सी रिपोर्ट जो सामने आई है, उसमें सनराज की मौत की वजह हत्या बताई गई है. शरीर पर क्योंकि गोलियों के निशान मिले हैं, इसलिए मानकर चला जा रहा है कि आरोपियों ने उस पर गोलीबारी की थी. अब किस वजह से सनराज की हत्या की गई, क्या कोई दुश्मनी थी या कुछ और, पुलिस अभी इन सवालों के जवाब तलाश रही है. वैसे पुलिस के मुताबिक जहां पर सिख युवक की हत्या की गई, वहां से एक संदिग्ध वाहन निकला था. उस वाहन की तस्वीरें पुलिस द्वारा जारी कर दी गई हैं. स्थानीय लोगों से भी अपील की गई है कि वे अपने घरों के सीसीटीवी चेक करें, अगर कुछ संदिग्ध दिखाई पड़े तो तुरंत पुलिस को सूचित किया जाए.
वैसे ये कोई पहला मामाल नहीं है जहां पर सिख समुदाय को निशाना बनाया गया हो. इसी महीने पिछले बुधवार को एक सिख महिला की उसके घर में घुसकर हत्या कर दी गई. महिला पर एक के बाद एक चाकू से कई वार किए गए. रिपोर्ट के मुताबिक, महिला के पति को हत्या के संदेह में गिरफ्तार किया गया. लेकिन बाद में रिहा कर दिया गया. पुलिस ने अपील की है कि जिस किसी के भी पास हरप्रीत कौर से जुड़ी कोई जानकारी हो. वे पुलिस से साझा करें. इससे पहले कनाडा के ओंटारियो प्रांत में एक 21 वर्षीय कनाडाई-सिख महिला की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पीड़िता की पहचान ब्रैम्पटन की पवनप्रीत कौर के रूप में की गई थी.

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.