कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो ने क्यों दिया इस्तीफा, अब आगे क्या होगा?
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कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. जस्टिन ट्रूडो ने सत्तारूढ़ लिबरल पार्टी के नेता के रूप में अपने इस्तीफे की घोषणा की है.
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया. जस्टिन ट्रूडो ने सत्तारूढ़ लिबरल पार्टी के नेता के रूप में अपने इस्तीफे की घोषणा की है. 53 वर्षीय ट्रूडो ने सोमवार को ओटावा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, 'मैं पार्टी के नए नेता का चयन करने के बाद पार्टी नेता और प्रधानमंत्री के रूप में इस्तीफा देने का इरादा रखता हूं.' ट्रूडो तब तक कार्यवाहक क्षमता में प्रधानमंत्री बने रहेंगे जब तक कि कोई नया नेता नहीं चुना जाता. ट्रूडो ने 2013 में लिबरल नेता का पद संभाला था, जब पार्टी गहरे संकट में थी और पहली बार हाउस ऑफ कॉमन्स में तीसरे स्थान पर आ गई थी.
ट्रूडो के इस्तीफे के बाद अब आगे क्या? इस्तीफे के बाद ट्रूडो ने कहा, 'एक नया प्रधानमंत्री और लिबरल पार्टी का नेता अगले चुनाव में अपने मूल्यों और आदर्शों को लेकर जाएगा. मैं आने वाले महीनों में इस प्रक्रिया को देखने के लिए उत्साहित हूं.' मालूम हो कि कनाडाई संसद की कार्यवाही 27 जनवरी को फिर से शुरू होनी थी और विपक्षी दल सरकार को जल्द से जल्द गिराने की कोशिश में थे. विपक्षी पार्टियां ट्रूडो की लिबरल पार्टी की सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने वाली थी, लेकिन अगर संसद 24 मार्च तक स्थगित रहता है तो विपक्षी पार्टियां मई महीने तक संसद में अविश्वास प्रस्ताव ला सकती हैं. वहीं अक्टूबर महीने तक कनाडा में आम चुनाव हो सकते हैं.
क्यों देना पड़ा इस्तीफा? इस्तीफे के बाद ट्रूडो ने खुद कहा, 'यह देश अगले चुनाव में एक वास्तविक विकल्प का हकदार है, और यह मेरे लिए स्पष्ट हो गया है कि अगर मुझे आंतरिक लड़ाई लड़नी पड़ रही है, तो मैं उस चुनाव में सबसे अच्छा विकल्प नहीं हो सकता.'
जस्टिन ट्रूडो ने अपने संबोधन में कहा, 'एक नया प्रधानमंत्री और लिबरल पार्टी का नेता अगले चुनाव में अपने मूल्यों और आदर्शों को लेकर जाएगा. मैं आने वाले महीनों में इस प्रक्रिया को देखने के लिए उत्साहित हूं.' जस्टिन ट्रूडो ने अपने संबोधन में कहा, 'सच तो यह है कि इस पर काम करने के तमाम कोशिशों के बावजूद, संसद महीनों से पंगु बनी हुई है.' मसलन, वह विपक्षी सांसदों के हंगामे की तरफ इशारा कर रहे थे, जहां लगातार उनके इस्तीफे की मांग उठ रही थी.
अगले चुनाव में विपक्षी पार्टी से हार सकती है ट्रूडो की पार्टी मौजूदा सर्वे से संकेत मिलता है कि ट्रूडो की पार्टी अगले चुनाव में विपक्षी पार्टी से हार सकती है. ट्रूडो अब बंद हो चुके सस्टेनेबल डेवलपमेंट टेक्नोलॉजी कनाडा (SDTC) से जुड़े एक बड़े भ्रष्टाचार घोटाले में उलझे हुए हैं. पिछले साल की शुरुआत में ऑडिटर जनरल द्वारा हितों के टकराव के मामले पाए जाने के बाद इस अरबों डॉलर के 'ग्रीन स्लश फंड' को बंद कर दिया गया था. आलोचकों का तर्क है कि ट्रूडो द्वारा भारत के खिलाफ हाल ही में लगाए गए आरोप कनाडाई लोगों का ध्यान इस घोटाले से हटाने की एक कोशिश है.
ट्रूडो पर अपनी पार्टी के निर्वाचित सांसदों द्वारा कई महीनों से पद छोड़ने का दबाव बनाया जा रहा था. 16 दिसंबर को उनके वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड के पद छोड़ने के बाद से यह दबाव और भी बढ़ गया. उन्होंने कहा कि वह और प्रधानमंत्री नीतियों को लेकर एक-दूसरे से सहमत नहीं हैं. फ्रीलैंड के साथ अलगाव के बाद ट्रूडो के कुछ करीबी सलाहकारों का मानना था कि प्रधानमंत्री राजनीतिक नतीजों से बच नहीं सकते.
Tibet Earthquake: भारत, नेपाल, बांग्लादेश और भूटान के कई इलाकों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए. सिक्किम समेत पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों, बिहार और पश्चिम बंगाल समेत उत्तर भारत के विभिन्न हिस्सों में मंगलवार सुबह भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए. नेपाल की राजधानी काठमांडू में तेज झटके महसूस होने के बाद लोग अपने घरों से बाहर निकलकर सड़कों और खुले स्थानों की ओर भाग गए.
ट्रूडो का इस्तीफा लिबरल पार्टी के लिए एक बड़ी चुनौती है, जिसे अब अक्टूबर 2025 के लिए निर्धारित अगले संघीय चुनाव से पहले नेतृत्व परिवर्तन से गुजरना होगा. ट्रूडो ने बताया कि उन्होंने अपनी लिबरल पार्टी के अध्यक्ष से नए नेता के चयन की प्रक्रिया शुरू करने को कहा है. अगले नेता के चुनाव तक वह कार्यवाहक पीएम बने रहेंगे.
पिछले साल अगस्त में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद अवामी लीग सरकार गिर गई थी और पूर्व पीएम शेख हसीना भागकर भारत आ गई थीं. ट्रिब्यूनल ने अब तक उनके खिलाफ तीन मामले दर्ज किए हैं. आईसीटी के एक अधिकारी ने कहा, 'ट्रिब्यूनल के चेयरमैन जस्टिस मोहम्मद गुलाम मुर्तुजा मोजुमदार ने अभियोजन पक्ष की याचिका पर सुनवाई के बाद गिरफ्तारी वारंट जारी किया.'