
PM मोदी और ट्रंप की मुलाकात से पहले अमेरिकी मीडिया में हो रही ऐसी चर्चा
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भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 फरवरी को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे. दोनों नेताओं के बीच होने वाली यह मुलाकात कई मायनों में अहम मानी जा रही है. पीएम नरेंद्र मोदी की राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात को लेकर अमेरिकी मीडिया में भी अलग-अलग तरह की चर्चा की जा रही है.
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 फरवरी यानी आज अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन डीसी में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे. डोनाल्ड ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह पहली मुलाकात होगी. दोनों नेताओं के बीच होने वाली यह मुलाकात कई मायनों में अहम मानी जा रही है. पीएम मोदी और ट्रंप की यह मीटिंग भारत-अमेरिका रणनीतिक संबंधों, खासकर व्यापार, रक्षा और ऊर्जा सहयोग जैसे क्षेत्रों को मजबूत करने पर फोकस रह सकती है.
सूत्रों की मानें तो दोनों देशों के बीच एक बड़ी डिफेंस डील भी हो सकती है. पीएम नरेंद्र मोदी की राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात को लेकर अमेरिकी मीडिया पर भी अलग-अलग तरह की चर्चा की जा रही है. अमेरिका के एक प्रमुख अखबार ने डोनाल्ड ट्रंप और नरेंद्र मोदी को मजबूत नेता बताया है और कहा है कि दोनों नेता विदेश नीति में काफी बेहतर हैं.
न्यूयॉर्क टाइम्स अंग्रेजी अखबार न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपने एक लेख में कहा कि, वॉशिंगटन जाने की तैयारी करते हुए भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के पहले कार्यकाल की तरह संबंधों को आगे बढ़ाने की बात कही. लेकिन ट्रंप एक ऐसे दोस्त हैं जिनके बारे में कुछ भी निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता है. मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं के बीच कारोबार बढ़ाने पर बातचीत हो सकती है. पीएम मोदी विदेशी बाइकों पर टैरिफ कम करने वाले भारत सरकार के फैसले पर भी चर्चा कर सकते हैं. ट्रंप की भारत के साथ व्यापार घाटे या ज्यादा टैरिफ को लेकर जो चिढ़ है, उसे शांत करने के लिए मोदी ऐसा कर सकते हैं.
लेख में कहा गया कि, अवैध प्रवासन पहले ही तनाव का मुद्दा है. भारत सरकार साफ कर चुकी है कि अवैध प्रवासियों को वापस भेजने के मामले में वह अमेरिका सरकार का सहयोग करेगी. हालांकि, भारत सरकार के लिए ट्रंप का प्रवासियों को वापस भेजना सिर दर्द जरूर बन गया. मोदी के अमेरिका के दौरे से पहले ही यूएस मिलिट्री के विमानों में हाथ-पैर बांधकर जब प्रवासियों को वापस भेजा गया तो भारत में राजनीतिक बवाल हो गया.
हालांकि, भारत यह अच्छी तरह जानता है कि, अमेरिका से कारोबार और अवैध प्रवासन के मुद्दों पर ट्रंप सख्त हैं. ऐसे मुद्दों को लेकर ट्रंप ने लगातार अपने करीबी सहयोगियों को प्रतिबंध और ज्यादा टैरिफ लगाने की चेतावनी दी हैं. हालांकि, अभी तक ट्रंप ने ऐसे मामलों में भारत पर कोई सख्ती नहीं दिखाई है.
लेख में आगे कहा गया कि, ट्रंप और मोदी में काफी समानताएं हैं. दोनों मजबूत नेता हैं जो विदेश नीति को लेकर लेन-देन संबंधी नजरिया रखते हैं. मोदी जानते हैं कि अमेरिका से संबंध बनाकर भारत को किस तरह से फायदा मिल सकता है.

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