
कनाडाई नेता ने भारतीय मुसलमानों को लेकर जताई चिंता, मोदी सरकार पर लगाए ये आरोप
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भारत में मुस्लिम समुदाय के प्रति बढ़ती हिंसा पर कनाडा के नेता जगमीत सिंह ने भारत सरकार को घेरा है. उन्होंने कहा है कि भारत में मुसलमानों के खिलाफ बढ़ती हिंसा को लेकर वो चिंतित हैं. जगमीत ने कहा कि भारत सरकार मुस्लिम विरोधी भावनाओं को भड़काना बंद करे.
भारत में रामनवमी के मौके पर कई शहरों और कस्बों में हिंसा भड़क उठी और भीड़ ने जमकर आगजनी की. इसे लेकर कनाडा की न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता जगमीत सिंह ने भारत पर निशाना साधा है. उन्होंने भारत में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा के बढ़ते खतरे पर चिंता व्यक्त की है. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार पर भारतीय मूल के कनाडाई नेता ने मुस्लिम विरोधी भावना को भड़काने का आरोप लगाते हुए कहा कि वो इसे खत्म करे.
जगमीत सिंह ने गुरुवार को अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए गए ट्वीट में लिखा, 'मैं भारत में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ हिंसा की तस्वीरों, वीडियो और जानबूझ कर दी जा रही धमकियों को लेकर बेहद चिंतित हूं. मोदी सरकार को मुस्लिम विरोधी भावनाओं को भड़काना बंद करना चाहिए. लोगों के मानवाधिकारों की रक्षा होनी चाहिए. हर जगह शांति स्थापित करने में कनाडा एक मजबूत भूमिका निभा सकता है.'
कनाडा के अलावा अमेरिका ने भी भारत के मानवाधिकार उल्लंघनों पर चिंता जताई है. अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने सोमवार को कहा कि अमेरिका भारत में मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों पर कड़ी नजर बनाए है. उन्होंने कहा, 'हम मानवाधिकार के साझे मूल्यों पर लगातार भारत से बातचीत करते रहते हैं. भारत में कुछ सरकारों, पुलिस और जेल अधिकारियों की तरफ से मानवाधिकार उल्लंघन के मामलों पर हमारी नजर है.'
रामनवमी के मौके पर कई राज्यों में भड़की हिंसा
रामनवमी के मौके पर भारत के कई राज्यों से हिंसा की खबरें सामने आईं. रामनवमी को लेकर देश भर में शोभा यात्रा, उत्सव जुलूस निकाला गया और इसी दौरान सांप्रदायिक तनाव, हिंसा, आगजनी की खबरें सामने आईं. मध्यप्रदेश के खरगोन में रामनवमी के जुलूस पर पथराव किया गया जिसके बाद हिंसा भड़क उठी.
हिंसा पर काबू करने की कोशिश में एक एसपी को गोली लगी जिससे वो जख्मी हो गए. रामनवमी के अगले दिन भी हिंसा जारी रही. मामले में पुलिस ने अब तक 100 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. सरकार ने हिंसा में शामिल आरोपियों के अवैध संपत्तियों को भी तोड़ दिया है.

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.