
औरंगजेब की कब्र की लड़ाई में कैसे सुलग उठा नागपुर, महाल और हंसपुरी में कैसे भड़की हिंसा?
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महाराष्ट्र के नागपुर में महाल इलाके में सोमवार को दो गुटों में हिंसक झड़प हो गई. जिसके बाद उपद्रवियों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया और कई घरों में भी तोड़फोड़ कर दी. फिलहाल अभी शांति है और पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है. साथ ही कई उपद्रवियों को हिरासत में भी लिया गया है.
महाराष्ट्र के नागपुर के महाल इलाके में सोमवार को दो गुटों में हिंसक झड़प हो गई. जिसके बाद उपद्रवियों ने कई वाहनों को आग के हवाले कर दिया. साथ ही पथराव करके सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान भी पहुंचाया. इस पत्थरबाजी में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए. इसके बाद दूसरी झड़प रात 10:30 से 11:30 बजे के बीच हंसपुरी इलाके में पुराना भंडारा रोड पर हुई. जहां एक भीड़ ने कई वाहनों को जला दिया और घरों में तोड़फोड़ कर दी. फिलहाल अभी शांति है और बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात कर दिया गया है. ऐसे में आइए जानते हैं कि हिंसा भड़की कैसी?
कैसे और कब भड़की हिंसा?
महाराष्ट्र के नागपुर के महाल इलाके में सोमवार शाम दो गुटों में हिंसक झड़प हुई थी. इस दौरान उपद्रवियों ने कई वाहनों में तोड़फोड़ कर दी और फिर आग के हवाले कर दिया. साथ ही सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान भी पहुंचाया. इस झड़प में कई पुलिसवाले जख्मी भी हो गए. बताया जाता है कि ये हिंसा उन दावों के बाद हुई, जिनमें एक धर्म के संगठनों ने दूसरे धर्म के संगठनों पर विरोध प्रदर्शन के दौरान एक कपड़े को जलाने का आरोप लगाया. जिस कपड़े को जलाया गया, उस पर धार्मिक बातें लिखी हुई थीं.
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बताया जा रहा है कि ये विरोध संभाजीनगर में मुगल शासक औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर किया गया था. फिलहाल अभी हालात काबू में है और इलाके में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है.
नागपुर में लागू हुई धारा 163

'आयत लिखी कोई चादर नहीं जली, दोषियों को कब्र से भी खोद निकालेंगे…', नागपुर हिंसा पर बोले सीएम फडणवीस
सीएम फडणवीस ने विधानसभा में कहा कि नागपुर हमेशा से शांतिप्रिय शहर रहा है, यहां तक कि 1992 के सांप्रदायिक तनाव के समय भी शहर में दंगे नहीं हुए थे. लेकिन इस बार कुछ असामाजिक तत्वों ने जानबूझकर हिंसा भड़काने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि इस मामले की पूरी जांच की जा रही है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी.

नागपुर में हुई हिंसा पर सियासत तेज हो गई है. उद्धव ठाकरे गुट ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और डिप्टी सीएम देवेंद्र फड़नवीस को घेरा है. नितेश राणे और टी राजा सिंह के भड़काऊ बयानों पर कार्रवाई की मांग की गई है. एफआईआर में खुलासा हुआ है कि उपद्रवियों ने महिला पुलिसकर्मियों के साथ छेड़छाड़ की और उनके कपड़े फाड़ने की कोशिश की.

औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग पर सियासत गर्म हो गई है. जहां बीजेपी से जुड़े कुछ नेता और संगठन इस मांग का समर्थन कर रहे हैं, वहीं जेडीयू और एनसीपी ने इसे गलत बताया है. विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) और बजरंग दल जैसे संगठन लगातार औरंगजेब की कब्र हटाने की मांग कर रहे हैं, लेकिन संघ परिवार से जुड़े लोगों ने इस मांग को लेकर अब स्पष्ट संकेत दिए हैं कि संघ किसी भी प्रकार की हिंसा का समर्थन नहीं करता.

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