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औंधे मुंह गिरा चीनी प्रोपगैंडा, इस देश में अब नहीं चलेगा 'इंडिया आउट' कैम्पेन
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हिन्द महासागर की गोद में बसे मालदीव में इन दिनों भारत विरोधी भावनाओं को भड़काया जा रहा है. पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन इस अभियान के सूत्रधार हैं तो चीन पर्दे के पीछे खेल रहा है.
भारत के मित्र देशों में शुमार मालदीव में पिछले कुछ सप्ताह से भारत विरोधी प्रदर्शन हो रहे हैं. यहां पर 'इंडिया आउट' के नारे लगाए जा रहे हैं. लेकिन मालदीव के राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने अब भारत विरोधी प्रदर्शनों पर रोक लगा दी है. गुरुवार को उन्होंने इससे संबंधित एक आदेश जारी किया और कहा इन प्रदर्शनों से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा हो रहा है.
राष्ट्रपति इब्राहिम मोहम्मद सोलिह ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि अलग अलग देशों के खिलाफ अलग अलग नारों से चल रहे प्रदर्शनों पर रोक लगाया जाता है. उन्होंने 'इंडिया आउट' अभियान का विशेष रूप से जिक्र किया और कहा कि इससे दोनों देशों के बीच रिश्ते खराब हो रहे हैं. इसके अलावा इस क्षेत्र में शांति और स्थिरता के प्रयासों को भी झटका लग रहा है और इलाके की सुरक्षा को भी खतरे में डाला जा रहा है.
'देश में मौजूद राजनयिकों का ख्याल रखें'
राष्ट्रपति सोलिह ने सभी संबंधित अधिकारियों को कानून के उपलब्ध प्रावधानों के तहत कदम उठाकर इस आदेश को लागू करने को कहा है. राष्ट्रपति सोलिह की ओर से आदेश को मालदीव की स्थानीय भाषा धीवेही में जारी किया गया है. इस आदेश में कहा गया है, "ये सरकार की जिम्मेदारी होती है कि वह अपने यहां मौजूद सभी देशों के राजनयिकों की सुरक्षा का पूरा ख्याल रखे."
बता दें कि कुछ महीनों पहले जब मालदीव में इंडिया आउट प्रदर्शन जोर पकड़ा तो भारतीय राजनयिकों और दूतावास को सोशल मीडिया पर धमकियां दी गईं. इसके बाद भारतीय राजनयिकों ने मालदीव सरकार से अतिरिक्त सुरक्षा की मांग की, जिसे मालदीव सरकार ने स्वीकार करते हुए इनकी सुरक्षा बढ़ा दी थी.
'अब्दुल्ला यामीन दे रहे भारत विरोध को हवा'
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात ने दोनों नेताओं के बीच गहरी मित्रता को दर्शाया. ट्रंप ने मोदी को 'आई मिस यू' कहकर स्वागत किया, जबकि मोदी ने दोनों देशों के संबंधों को '1+1=111' बताया. दोनों नेताओं ने व्यापार, सुरक्षा और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की. ट्रंप ने मोदी को 'महान नेता' और 'खास व्यक्ति' बताया. मोदी ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा. दोनों नेताओं ने यूक्रेन युद्ध पर भी चर्चा की और शांति की आवश्यकता पर जोर दिया.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात में दोस्ती और व्यापार पर चर्चा हुई. दोनों नेताओं ने एक-दूसरे की तारीफ की, लेकिन व्यापार मुद्दों पर तनाव बरकरार रहा. ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा की, जो भारत के लिए चुनौती हो सकती है. मुलाकात में एफ-35 फाइटर जेट्स और तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर भी चर्चा हुई.