ऑपरेशन थंडरबोल्ट: जब इज़रायल ने सबसे खतरनाक शासक की जमीन से अपने नागरिकों को बचाया
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अक्सर कई किस्से ऐसे सामने आते रहते हैं, जो बताते हैं कि इज़रायल अपने दुश्मन का खात्मा करने के लिए कुछ भी कर सकता है. भारत में भी इज़रायल के ऐसे किस्से काफी मशहूर रहे हैं. इन्हीं में से एक था ‘ऑपरेशन एन्तेबे’, जिसे ‘ऑपरेशन थंडरबोल्ट’ भी कहा गया. 4 जुलाई 1976 को हुए इस ऑपरेशन को इज़रायली इतिहास के सबसे कठिन ऑपरेशन में से एक कहा गया है.
इज़रायल दुनियाभर में अपनी तकनीक और बेखौफ सेना के लिए मशहूर है. अक्सर कई किस्से ऐसे सामने आते रहते हैं, जो बताते हैं कि इज़रायल अपने दुश्मन का खात्मा करने के लिए कुछ भी कर सकता है. भारत में भी इज़रायल के ऐसे किस्से काफी मशहूर रहे हैं. इन्हीं में से एक था ‘ऑपरेशन एन्तेबे’, जिसे ‘ऑपरेशन थंडरबोल्ट’ भी कहा गया. 4 जुलाई 1976 को हुए इस ऑपरेशन को इज़रायली इतिहास के सबसे कठिन ऑपरेशन में से एक कहा गया है, जब अपने नागरिकों की जान बचाने के लिए इज़रायली लड़ाकू ‘सबसे खूंखार शासक’ के देश में चले गए और अपने लोगों को बचा लिया. वो किस्सा क्या था और कैसे इज़रायल ने ये कारनामा किया था, जानिए... ( फाइल फोटो: बंदी बनाए गए इजरायली नागरिक) ये एक सामान्य दिन था, तारीख थी 27 जून 1976. जब तेल अवीव से पेरिस के लिए एअर फ्रांस के एक विमान ने उड़ान भरी. इस विमान में करीब 248 यात्री मौजूद थे, इसके अलावा करीब एक दर्जन क्रू मेंबर थे. विमान अपने तय रूट के मुताबिक एथेंस में रुका, क्योंकि यहां पर उसे तेल भरवाना था. यहां से तेल भरवाने के बाद विमान उड़ा, लेकिन इस उड़ान के कुछ देर बाद ही विमान में चार लोग अचानक से खड़े हो गए. सभी ने बंदूकें तान दी, एक व्यक्ति ने पायलट के पास पहुंचकर विमान को अपने कब्जे में लेने का ऐलान कर दिया. ( सांकेतिक फोटो: एअर फ्रांस का था विमान)प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को डोमिनिका के सर्वोच्च पुरस्कार 'डोमिनिका अवार्ड ऑफ ऑनर' से सम्मानित किया गया. इस सम्मान का आयोजन गुयाना में आयोजित भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन में डोमिनिका की राष्ट्रपति सिल्वेनी बर्टन ने किया. प्रधानमंत्री मोदी ने इस सम्मान को प्राप्त करने के बाद इसे भारत के 140 करोड़ नागरिकों को समर्पित किया है. देखें...
इस सम्मान से सम्मानित होने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि गुयाना के सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित किए जाने पर मैं मेरे मित्र राष्ट्रपति इरफान अली का ह्रदय से आभार व्यक्त करता हूं. ये सम्मान केवल मेरा ही नहीं बल्कि भारत के 140 करोड़ लोगों का सम्मान है. यह हमारे संबंधों के प्रति आपकी गहरी प्रतिबद्धता का सजीव प्रमाण है जो हमें हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता रहेगा.
अमेरिका के कैलिफोर्निया स्टेट के लॉस एंजलेस शहर में यूएस इमिग्रेशन डिपार्टमेंट एक शख्स के ट्रैवल डॉक्यूमेंट चेक कर रहा था. उसके पास भारतीय पासपोर्ट था. पासपोर्ट पर उसका नाम भानू लिखा हुआ था. बाद में खुलासा हुआ कि भानू कोई और नहीं बल्कि लॉरेंस बिश्नोई का छोटा भाई और दस लाख रुपये का इनामी आतंकवादी अनमोल बिश्नोई है.