
ऐबक, अब्दाली और औरंगजेब... जब नागा साधुओं ने उठाए हथियार और आक्रांताओं से ली टक्कर
AajTak
कहीं भस्म रमे तन तो कहीं सिर्फ लंगोट धारी संन्यासी, कहीं शस्त्रधारी नागा साधु तो कहीं हठयोग की साधना. अखाड़ों के नागा साधुओं के बारे में अधिक से अधिक जानने की दिलचस्पी हमेशा रही है. इतिहास को खंगाले तो पता चलता है कि नागा साधु सिर्फ योग-साधना करने वाले पुजारियों की टोली नहीं है, बल्कि यह अपने आप में एक ताकतवर सैन्य संगठन की संरचना है.
महाकुंभ-2025 की शुरुआत हो चुकी है और सनातन के इस सबसे बड़े धार्मिक आयोजन से उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में उत्साह और आस्था की अलग ही छटा बिखर रही है. इस वक्त प्रयागराज भारत की आध्यात्मिक चेतना का शहर बना हुआ है, जिसका साक्षी बनने के लिए देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी श्रद्धालुओं के जत्थे यहां पहुंचे हुए हैं.
कुंभ मेला भारत का वो धार्मिक आयोजन है, जिसका जिक्र वेदों के श्लोकों और पुराणों की कहानियों में है. इस दौरान होने वाली अलग-अलग गतिविधियों के बीच जो बात सबसे अधिक अपनी ओर ध्यान खींचती है वह है यहां आने वाले अखाड़ों का दैनिक क्रिया-कलाप
नागा सिर्फ साधु नहीं, सैन्य संगठन भी है! कहीं भस्म रमे तन तो कहीं सिर्फ लंगोट धारी संन्यासी, कहीं शस्त्रधारी नागा साधु तो कहीं हठयोग की साधना. अखाड़ों के नागा साधुओं के बारे में अधिक से अधिक जानने की दिलचस्पी हमेशा रही है. इतिहास को खंगाले तो पता चलता है कि नागा साधु सिर्फ योग-साधना करने वाले पुजारियों की टोली नहीं है, बल्कि यह अपने आप में एक ताकतवर सैन्य संगठन की संरचना है. ये एक हाथ में अगर रुद्राक्ष की माला धारण करते हैं तो वक्त-जरूरत पड़ने पर उसी हाथ से शस्त्र उठाने से नहीं हिचकते हैं.
मंदिरों-मठों पर हुआ हमला तो नागा साधुओं ने बचाया भारत के इतिहास के पन्ने पलटते हैं तो कंपनी प्रशासन और ब्रिटिश राज से पहले भी यह देश कई बार बाहरी आक्रांताओं और आक्रमणकारियों के हमले झेल चुका है. इन हमलावरों ने न सिर्फ नगरीय और ग्रामीण व्यवस्था को तहस-नहस किया बल्कि इन्होंने इस देश के आध्यात्मिक आत्मा को भी चोट पहुंचाई, जिसमें इसका निशाना प्राचीन काल से स्थापित बड़े-बड़े मंदिर और मठ भी बने.
इतिहास के पन्नों में दर्ज हैं कई विवरण इतिहासकार यदुनाथ सरकार ने ऐतिहासिक तथ्यों के हवाले से कई आक्रमणकारियों का जिक्र किया है, जिन्होंने मंदिर और मठों पर हमले किए और फिर उनका सामना इनके संरक्षक के तौर पर विख्यात अखाड़ों से हुआ. इस तरह के हमलों को रोकने और हमलावरों से सीधी टक्कर लेने के लिए नागा साधुओं ने शस्त्र धारण किए और एक सेना के तरह इन आक्रमणों का सामना किया. ऐतिहासिक दस्तावेज कहते हैं कि नागा साधुओं ने जान की बाजी लगाकर धर्म की रक्षा की.
गुलाम वंश की सेना से नागा साधुओंं का टकराव पत्रकार और लेखक धनंजय चोपड़ा अपनी किताब 'भारत में कुंभ' लिखते हुए नागा साधुओं और बाहरी आक्रमणकारियों के साथ हुए उनके संघर्ष को रेखाकिंत करते हुए संक्षिप्त वर्णन करते हैं. इनमें तीन हमले और संघर्ष बहुत प्रसिद्ध रहे और इतिहास में ब्यौरेवार तरीके से दर्ज हैं. सबसे पहला तो सन् 1260 में गुलाम वंश की सेना (ऐबक की सेना) का हमला, दूसरा संवत 1721 में औरंगजेब की सेना के साथ टकराव और फिर सन 1756-57 में अब्दाली की सेना के साथ टकराव भी खास है.

दिल्ली के जंतर-मंतर पर मुस्लिम संगठनों ने वक्त बिल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और अन्य संगठनों के कार्यकर्ता देशभर से एकत्र हुए. उनका कहना है कि यह काला कानून है और उनके धार्मिक अधिकारों का हनन करता है. प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे आंदोलन करेंगे. VIDEO

हिन्दू-मुसलमान पर तेज सियासत के बीच अब केदारनाथ मंदिर पर भी इसका साया पड़ गया है. केदारनाथ की विधायक आशा नौटियाल ने केदारनाथ मंदिर में गैर हिंदुओं के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने की वकालत की की है. विधायक आशा नौटियाल ने कहा कि कुछ गैर-हिंदू तत्व केदारनाथ धाम की पवित्रता को नुकसान पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं. देखिए.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की फुरफुरा शरीफ यात्रा पर विवाद छिड़ गया है. केंद्रीय मंत्री सुकांत मजूमदार ने इसे तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति करार दिया है. ममता इफ्तार पार्टी में शामिल होंगी. विपक्ष का आरोप है कि ममता हिंदू और मुस्लिम दोनों वोट बैंकों को साधने की कोशिश कर रही हैं. video

दिल्ली पुलिस ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए एक नया कदम उठाया है. यूपी के 'एंटी-रोमियो स्क्वाड' की तर्ज पर दिल्ली में 'शिष्टाचार स्क्वाड' बनाया जा रहा है. हर जिले में दो ऐसे स्क्वाड होंगे, जिनका नेतृत्व एसीपी क्राइम अगेंस्ट वीमेन करेंगी. प्रत्येक स्क्वाड में एक इंस्पेक्टर, एक सब-इंस्पेक्टर, आठ कांस्टेबल और चार महिला पुलिसकर्मी शामिल होंगे. VIDEO

लेक्स फ्रिडमैन से चर्चा की शुरुआत में प्रधानमंत्री मोदी कहते हैं कि मेरी ताकत मोदी नहीं 140 करोड़ देशवासी, हजारों साल की महान संस्कृति मेरा सामर्थ्य है. मैं जहां भी जाता हूं, मोदी नहीं जाता है, हजारों साल की वेद से विवेकानंद की महान परंपरा को 140 करोड़ लोगों, उनके सपनों को लेकर, उनकी आकांक्षाओं को लेकर निकलता हूं. इसलिए मैं दुनिया के किसी नेता को हाथ मिलाता हूं तो मोदी हाथ नहीं मिलाता बल्कि 140 करोड़ लोगों का हाथ होता है. तो सामर्थ्य मोदी का नहीं भारत का है.

पीएम मोदी ने पाकिस्तान की आतंक परस्त नीतियों पर करारा वार किया है. अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रिडमैन से बातचीत में पीएम मोदी ने कहा कि दुनिया में कहीं पर भी आतंकवाद की घटना घटती है तो कहीं न कहीं पाकिस्तानी कनेक्शन सामने आता है. पीएम ने दो टूक कहा कि पाकिस्तान को आतंकवाद का रास्ता छोडना होगा. देखें ख़बरें सुपरफास्ट.

महाराष्ट्र में औरंगजेब की कब्र को लेकर विवाद गहराता जा रहा है. वीएचपी और बजरंग दल ने कब्र हटाने के लिए जन अभियान शुरू किया है. लोगों से तहसील दफ्तरों में जाकर मांग करने की अपील की गई है. महाराष्ट्र सरकार भी कब्र हटाने के पक्ष में है. विपक्ष इसे इतिहास का मामला बता रहा है. छत्रपति संभाजी नगर में कब्र की सुरक्षा बढ़ाई गई है. देखिए VIDEO