एक बार फिर किसान ही उठाएंगे 2025 में GDP का भार, जानिए कौन-कौन सा सेक्टर बदहाल
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FY2024-25 के लिए एनएसओ ने कहा कि जीडीपी (Indian GDP) 6.4 फीसदी की दर से आगे बढ़ सकती है और एग्रीकल्चर सेक्टर मजबूत वृद्धि के साथ इकोनॉमी को सपोर्ट दे सकता है.
केंद्र सरकार की ओर से मंगलवार को जारी किए गए जीडीपी (GDP) के अग्रिम अनुमानों के अनुसार, वित्त वर्ष 2024-25 में भारत का सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी 6.4% की दर से बढ़ने की उम्मीद है, जो चार साल का निचला स्तर है.
खास बात ये है कि यह अनुमान मार्च 2025 को समाप्त होने वाले चालू वित्त वर्ष के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के हालिया अनुमान 6.6 फीसदी से भी कम है. लेकिन इस बीच कोरोना काल (Corona Pandemic Period) की तरह ही एक बार फिर एग्रीकल्चर सेक्टर GDP को सपोर्ट करता दिखेगा और कृषि क्षेत्र की ग्रोथ रेट (Agriculture Growth Rate) में जोरदार बढ़ोतरी की उम्मीद जताई गई है.
कृषि क्षेत्र में जबर्दस्त ग्रोथ का अनुमान राष्ट्रीय सांख्यकीय कार्यालय (NSO) द्वारा India's GDP Growth के अग्रिम अनुमान को शेयर करने के साथ ही कहा गया कि जहां एक ओर तमाम सेक्टर्स में सुस्ती देखने को मिल सकती है, तो वहीं कृषि क्षेत्र (Agriculture Sector) और इससे जुड़ी अन्य गतिविधियां एक बार फिर जीडीपी ग्रोथ में अहम योगदान निभाती नजर आएंगी. कृषि क्षेत्र प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद टिका हुआ है और FY2024-25 में उम्मीद की किरण दिखा रहा है. इस सेक्टर में जोरदार ग्रोथ का अनुमान जाहिर किया गया है.
3.8% तक रह सकती है ग्रोथ रेट सरकारी आंकड़ों पर गौर करें, तो मजबूत मानसून, मजबूत खरीफ फसलों के उत्पादन से इस सेक्टर में ग्रोथ को बढ़ावा मिलेगा और एग्रीकल्चर ग्रॉस वैल्यू एडेड (GVA) में बढ़ोतरी देखने को मिलेगी. एक्सपर्ट्स ने दावा किया है कि कृषि क्षेत्र का प्रदर्शन भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) के लिए राहत भरा हो सकता है और इस सेक्टर में वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष में बढ़कर 3.8 फीसदी पहुंच सकती है, जो कि इससे पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में 1.4 फीसदी रही थी.
मजबूत मानसून का दिखेगा असर वित्त वर्ष 25 के लिए जीडीपी के प्रथम अग्रिम अनुमान (FAI) के मुताबिक, मौजूदा कीमतों पर GVA Growth वित्त वर्ष 2024 में 5.4% की तुलना में 10% पर और भी बेहतर होने की उम्मीद है. दरअसल, इस ग्रोथ का अनुमान सरकार की ओर से मजबूत मानसून के बीच खरीफ की अच्छी फसल और रबी बुवाई को बढ़ावा मिलने के चलते जाहिर किया गया है. पिछले वित्त वर्ष मानसून के कमजोर रहने के चलते कृषि क्षेत्र की ग्रोथ रेट में गिरावट दर्ज की गई थी.
इन कारणों से अच्छी वृद्धि की उम्मीद गौरतलब है कि बेहतर मानसून और अनाजों की अनुकूल कीमतों ने भी रबी की बुवाई को बढ़ावा देने का काम किया है. बीते सितंबर 2024 महीने में मानसून करीब 8 फीसदी ज्यादा बारिश के साथ खत्म हुआ था, जो बीते 3 सालों में सबसे ज्यादा है. जून-सितंबर तिमाही में अच्छी बारिश के चलते खरीफ चावल उत्पादन (जुलाई से जून) करीब 120 मिलियन टन होने का अनुमान लगाया गया था, जो इससे पिछले सीजट से 5.9 फीसदी ज्यादा था.
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