
ईरान से छिड़ी जंग के बीच पाकिस्तान ने घबराहट में उठाया ये बड़ा कदम
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पाकिस्तान नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने पाकिस्तान से संबद्ध एयरलाइन कंपनियों को ईरान के बजाय ओमान के एयरस्पेस इस्तेमाल करने की सलाह दी है. ईरान की ओर से की पाकिस्तान में की गई एयरस्ट्राइक और उसके दो दिन बाद ही पाकिस्तान की ओर से ईरान में की गई एयरस्ट्राइक के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव का माहौल है.
ईरान से जारी तनाव के बीच पाकिस्तान ने एहतियातन एक बड़ा कदम उठाया है. पाकिस्तान नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (सीएए) ने पाकिस्तानी एयरलाइंस को ईरान के एयरस्पेस नहीं इस्तेमाल करने का निर्देश दिया है.
सूत्रों के मुताबिक सीएए ने कहा है कि अतीत में ईरान के एयरस्पेस में देखी गई सुरक्षा चूक और खराब नियंत्रण की स्थिति को देखते हुए पाकिस्तान के राष्ट्रीय और घरेलू एयरलाइंस को ईरान के एयरस्पेस के इस्तेमाल से बचने की सलाह दी जाती है.
पाकिस्तानी न्यूज वेबसाइट ARY ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि पाकिस्तान नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने पाकिस्तान से संबद्ध एयरलाइन कंपनियों को ईरान के बजाय ओमान के एयरस्पेस इस्तेमाल करने की सलाह दी है. इसके अलावा पश्चिम की ओर से आने वाली जहाजों पर भी कड़ी निगरानी शुरू कर दी गई है. सूत्रों के मुताबिक, फिलहाल कॉमर्शियल फ्लाइट के लिए ईरान के एयरस्पेस को नहीं बंद किया गया है. और ना ही पाकिस्तान आने वाली उड़ानों पर किसी तरह का कोई प्रतिबंध लगाया गया है.
दोनों देशों के बीच तनाव का माहौल
ईरान ने मंगलवार को पाकिस्तान के बलूचिस्तान में आतंकी संगठन जैश उल-अदल के ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की थी. ईरान ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में मौजूद जैश उल-अदल के आतंकवादी समूह के ठिकानों को निशाना बनाया था.
आतंकी संगठन जैश उल-अदल को 'आर्मी ऑफ जस्टिस' के नाम से भी जाना जाता है. साल 2012 में स्थापित यह संगठन एक सुन्नी आतंकवादी समूह है, जो बड़े पैमाने पर पाकिस्तान से ऑपरेट होता है. अमेरिका और ईरान दोनों ही इस संगठन को आतंकी संगठन घोषित किया हुआ है. इस संगठन में 500 से 600 आतंकी हैं.

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.