ईरान में राष्ट्रपति चुनाव, खमनेई का दबदबा कितना रहेगा कायम?
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ईरान में शुक्रवार, 18 जून को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने वाले हैं. चुनाव में हिस्सा लेने वाले ज्यादातर उम्मीदरवार कट्टरपंथी माने जा रहे हैं. ईरान के सुप्रीम नेता अयातुल्ला अली खुमैनी के करीबी भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.
ईरान में शुक्रवार, 18 जून को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होने वाले हैं. चुनाव में हिस्सा लेने वाले ज्यादातर उम्मीदवार कट्टरपंथी माने जा रहे हैं. ईरान के सुप्रीम नेता अयातुल्ला अली खमनेई के करीबी भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. चुनावी प्रक्रिया पर निगरानी रखने वाली संस्था गार्डियन काउंसिल ने सात उम्मीदवारों को मैदान में उतरने की इजाजत दी है. हालांकि चुनाव के लिए काफी लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया था, लेकिन सात प्रत्याशियों को ही इजाजत मिल पाई जबकि बाकी लोगों को अयोग्य करार दे दिया गया. जिन लोगों को चुनाव में हिस्सा लेने की इजाजत मिली है उनमें 5 'कट्टरपंथी' माने जाते हैं और बाकी दो प्रत्याशी 'उदारवादी' कहे जा रहे हैं. विश्लेषकों और अंदरूनी सूत्रों का मानना है कि इस चुनाव में अयातुल्ला अली खमनेई के करीबी इब्राहिम राइसी को जीत मिलनी पक्की है. वह पेशे से न्यायाधीश हैं और कट्टरपंथी रुझान वाले माने जाते हैं. उनकी पकड़ ईरान के रक्षा प्रतिष्ठानों तक है. (फोटो-Getty Images) अधिकारियों को बड़े पैमाने पर मतदान की उम्मीद है. क्योंकि चुनाव अधिकारियों ने इस बार 5 करोड़ 90 लाख ईरानियों में से सिर्फ 40 फीसदी को मतदान करने की अनुमति दी है. सरकार के आलोचकों का कहना है कि आर्थिक तंगी को लेकर ईरानियों में नाराजगी है. यह आर्थिक तंगी अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते बनी है. आरोप लगाया जा रहा है कि इसके चलते निर्वाचन प्रक्रिया का संचालन करने वाली संस्था गार्डियन काउंसिल ने कई उम्मीदवारों को चुनाव में जाने से रोक दिया. (फोटो-AP)थाईलैंड में समलैंगिक विवाह कानून लागू हो गया है जिसके बाद वहां के समलैंगिक कपल्स को शादी करने का कानूनी अधिकार मिल गया है. थाईलैंड की तरह दुनिया के कई देशों में समलैंगिकों को शादी करने का हक मिला हुआ है लेकिन दुनिया में कुछ देश ऐसे भी हैं जहां समलैंगिकता पर रोक है और इसके लिए मौत की सजा तक दी जा सकती है.
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डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अगर ब्रिक्स देश अपनी करेंसी लाते हैं तो उनके लिए अमेरिका से व्यापार करना काफी मुश्किल हो जाएगा क्योंकि वो इन देशों पर 100 प्रतिशत का टैरिफ लगा देंगे. ट्रंप की इस धमकी पर अर्थशास्त्रियों ने प्रतिक्रिया दी है. अर्थशास्त्री रघुराम राजन का कहना है कि ट्रंप प्रतिक्रिया देने में जल्दबाजी कर रहे हैं.
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