
इस मुस्लिम देश में महंगाई से त्राहिमाम, खाने-पीने की चीजों के भी पड़े लाले
AajTak
ईरान सरकार ने पिछले महीने गेहूं और आटे पर दी जाने वाली सब्सिडी को कम करते हुए इसे जरूरी इकोनॉमिक सर्जरी बताया था. इससे पास्ता और अन्य खाद्य सामानों की कीमतें एकदम से बढ़ गई हैं, जिससे देश के लाखों लोगों में गुस्सा है.
ईरान में लगातार जरूरी खाद्य सामानों की कीमतें बढ़ने से देशभर में प्रदर्शन हो रहे हैं. इसकी वजह है कि सरकार ने गेहूं और आटे पर दी जाने वाली सब्सिडी को या तो कम कर दिया है या फिर पूरी तरह से इसे खत्म कर दिया है.
ईरान सरकार ने पिछले महीने गेहूं और आटे पर दी जाने वाली सब्सिडी को कम करते हुए इसे जरूरी 'इकोनॉमिक सर्जरी' बताया था.
इससे पास्ता और अन्य खाद्य सामानों की कीमतें एकदम से बढ़ गई हैं जिससे देश के लाखों लोगों में गुस्सा है.
पास्ता की कीमतों में बढ़ोतरी इसलिए एक मुद्दा बन गई है क्योंकि चावल देश के गरीबों और मध्य वर्ग के लोगों के लिए लग्जरी खाना बन गया है.
आज के समय में 10 किलो चावल की बोरी की कीमत 10 लाख तोमान (33 डॉलर) से अधिक है. सब्सिडी में कटौती से पास्ता की कीमतों में 169 फीसदी का इजाफा हुआ है.
सरकार की ओर से कार्रवाई के डर से पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर एक वरिष्ठ आर्थिक पत्रकार ने बताया कि इस साल की शुरुआत से ही कामगारों की आजीविका में गिरावट आई है.

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.