
इस देश में आज भी 'Pregnancy' का नाम सुनकर कांप उठती हैं महिलाएं, US ने ऐसा क्या किया था?
AajTak
वियतनाम युद्ध के दौरान अमेरिकी सैनिकों ने वो बर्बरता दिखाई थी जिससे कि इंसानियत भी शर्मसार हो जाए. खासतौर पर महिलाओं पर उन्होंने ऐसे प्रयोग किए जिसे सुनकर किसी की भी रूह कांप जाए. आज हम आपको दो ऐसे ही प्रयोगों के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके कारण वियतनाम के लोगों के साथ-साथ अमेरिका के सैनिकों पर भी बुरा असर पड़ा था.
अमेरिका (America) ने आज तक कई युद्ध लड़े हैं. जिनमें से कई युद्ध जीते हैं तो कई में उसे हार का सामना भी करना पड़ा है. कई बार तो युद्ध जीतने के लिए अमेरिका ने ऐसा अमानवीय तरीकों का इस्तेमाल किया है, जिसके कारण लाखों लोगों को अपनी जान तक गंवानी पड़ी थी. इतना ही नहीं युद्ध में अमेरिका ने कई बार न्यूक्लियर और केमिकल हथियारों (Nulear And Chemical Weapons) का इस्तेमाल भी किया, जिसका खामियाजा आने वाली पीढ़ियों को भी भुगतना पड़ा था.
जापान के हिरोशिमा और नागासाकी में परमाणु बम से हमला करने के बाद दूसरा विश्व युद्ध समाप्त हो गया था. लेकिन इसके लगभग 10 साल बाद वियतनाम में एक और युद्ध शुरू हुआ था. जिसे वियतनाम वॉर (Vietnam War) कहा जाता है. यह युद्ध लगभग 20 साल तक चला था. माना जाता है कि इस युद्ध में अमेरिका की हार हुई थी. डेली मेल के मुताबिक, अमेरिका के 60 हजार से ज्यादा सैनिकों की इस युद्ध में मौत हो गई थी.
यह युद्ध जीतने के लिए अमेरिका ने तमाम कोशिशें की थीं. लेकिन उनकी एक न चल सकी. अमेरिकी सैनिकों युद्ध के दौरान लोगों को इतने टॉर्चर दिए और कई अजीबोगरीब प्रयोग किए जिसे सुनकर किसी की भी रूह कांप जाए. इन्ही में से एक प्रयोग था एंपटी प्रेगनेंसी प्रोलैक्टीन (Empty Pregnancy Prolactin) एक्सपेरिमेंट.
इस प्रयोग के बाद वियतनाम की महिलाएं अपने आप से नजरें तक नहीं मिला पा रही थीं. उन्हें इतनी शर्मिंदगी महसूस हुई कि कई महिलाओं ने तो आत्महत्या तक कर लेने का मन बना लिया था. आखिर क्या है एंपटी प्रेगनेंसी प्रोलैक्टीन जिसका इस्तेमाल अमेरिका ने वियतनाम वॉर में किया गया था. चलिए जानते हैं...
वियतनाम वॉर की शुरुआत वैसे तो 1 नवंबर 1955 में ही हो गई थी. यह कोल्ड वॉर (Cold War) का ही एक हिस्सा था. साउथ वियतनाम और नॉर्थ वियतनाम आपस में लड़ रहे थे. नॉर्थ वियतनाम को रूस, चीन और नॉर्थ कोरिया का समर्थन प्राप्त था. वहीं, साउथ वियतनाम में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और साउथ कोरिया का वर्चस्व देखने को मिल रहा था.
10 सालों तक युद्ध का कोई नतीजा नहीं निकला. फिर 9 फरवरी 1965 को अमेरिका ने अपने 3500 सैनिक वियतनाम में उतारे. फिर यहां से असली वियतनाम युद्ध की शुरुआत हुई. साल 1968 तक अमेरिका 5 लाख से भी ज्यादा सैनिक वियतनाम में तैनात कर चुका था. एक छोटे से देश को जीतने के लिए अमेरिका को इतनी बड़ी सेना की जरूरत पड़ी, ये बात पूरी दुनिया देख रही थी. लेकिन अमेरिका बस कैसे भी करके यह युद्ध जीतना चाहता था.

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.