![इमरान खान ने पाकिस्तान सेना के खिलाफ खोला मोर्चा, कहा- देश के पास दो विकल्प](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202304/imran_a-sixteen_nine.jpg)
इमरान खान ने पाकिस्तान सेना के खिलाफ खोला मोर्चा, कहा- देश के पास दो विकल्प
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पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान ने एक ट्वीट कर कहा कि आज देश के सामने दो विकल्प हैं. उन्होंने कहा, 'आज, हम अपने संवैधानिक इतिहास में एक ऐसे मोड़ पर खड़े हैं जहां हम तुर्की की तरह हो सकते हैं या एक और म्यांमार बन सकते हैं. हमें दोनों में से किसी एक को चुनना होगा.'
पाकिस्तान की सेना पर टिप्पणी करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने सोमवार को कहा कि देश के पास दो विकल्प हैं - या तो तुर्की को फॉलो करें या दूसरा म्यांमार बन जाएं. म्यांमार में, सेना ने 2021 में आंग सान सू की (Aung San Suu Kyi) की लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार को अपदस्थ कर दिया. जबकि तुर्की में, 2016 में राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन की सरकार को गिराने के लिए एक खूनी सैन्य तख्तापलट को अंजाम दिया गया था जिसे कि एर्दोगन सरकार ने नाकाम कर दिया था. तब लोग सड़कों पर उतर आए थे और सत्ता परिवर्तन का विरोध किया था.
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) प्रमुख ने सोमवार को ट्वीट किया, 'आज, हम अपने संवैधानिक इतिहास में एक ऐसे मोड़ पर खड़े हैं जहां हम तुर्की की तरह हो सकते हैं या एक और म्यांमार बन सकते हैं. हर किसी को यह चुनना होगा कि वे संविधान, कानून और लोकतंत्र के शासन के साथ खड़े हैं या जंगलराज, फासीवाद और भ्रष्ट माफियाओं के साथ खड़े हैं.'
इमरान ने पाक सेना के खिलाफ खोला मोर्चा
पाकिस्तानी सेना ने अपने अस्तित्व के 75 से ज्यादा वर्षों के समय में आधे से ज्यादा वर्षों के लिए तख्तापलट वाले देश पर शासन किया है और अब तक सुरक्षा और विदेश नीति के मामलों में काफी शक्ति का इस्तेमाल किया है. पिछले साल अप्रैल में अविश्वास प्रस्ताव के जरिए सत्ता से बेदखल किए जाने के बाद से ही इमरान खान का पाकिस्तान की सेना के साथ टकराव चल रहा है. उन्होंने सेना से इस साल के अंत में होने वाले आम चुनावों में 'राजनीतिक इंजीनियरिंग' से परहेज करने को कहा है.
संवैधानिक संकट में पाकिस्तान
बता दें कि राजनीतिक और आर्थिक संकट के बाद, PMLN की अगुवाई वाली गठबंधन सरकार द्वारा पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा प्रांतों की विधानसभाओं के चुनाव गत जनवरी में उनके विघटन के 90 दिनों के भीतर चुनाव कराने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले को स्वीकार करने से इनकार करने के बाद, पाकिस्तान एक संवैधानिक संकट में डूब गया है.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात ने दोनों नेताओं के बीच गहरी मित्रता को दर्शाया. ट्रंप ने मोदी को 'आई मिस यू' कहकर स्वागत किया, जबकि मोदी ने दोनों देशों के संबंधों को '1+1=111' बताया. दोनों नेताओं ने व्यापार, सुरक्षा और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की. ट्रंप ने मोदी को 'महान नेता' और 'खास व्यक्ति' बताया. मोदी ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा. दोनों नेताओं ने यूक्रेन युद्ध पर भी चर्चा की और शांति की आवश्यकता पर जोर दिया.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात में दोस्ती और व्यापार पर चर्चा हुई. दोनों नेताओं ने एक-दूसरे की तारीफ की, लेकिन व्यापार मुद्दों पर तनाव बरकरार रहा. ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा की, जो भारत के लिए चुनौती हो सकती है. मुलाकात में एफ-35 फाइटर जेट्स और तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर भी चर्चा हुई.
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक में दोनों देशों के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग पर गहन चर्चा की गई. इस चर्चा में अमेरिका ने भारत को F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट्स, स्ट्राइकर कॉम्बैट व्हीकल्स और जावलिन मिसाइल्स की पेशकश की. विशेषज्ञों का विचार है कि ये हथियार भारत की आत्मनिर्भरता नीति के सटीक अनुरूप नहीं हैं.
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रूस-यूक्रेन जंग को खत्म करने का ब्लू प्रिंट अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लगभग तैयार कर लिया है. इससे पहले ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन और यू्क्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से फोन पर बातचीत की. ट्रंप चाहते हैं कि नाटो में शामिल होने की जिद्द यूक्रेन छोड़ दे लेकिन जेलेंस्की ने अपने देश की सुरक्षा का हवाला दिया है.
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PM नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बीच हुई मुलाकात में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई. आतंकवाद से निपटने में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बन गई, जिसमें ठाकुर हसन राणा के प्रत्यर्पण का विषय भी शामिल था. फार्मास्यूटिकल क्षेत्र में भारत-अमेरिका के सहयोग पर भी वार्ता हुई, जहाँ अमेरिकी बाजार में भारतीय जेनेरिक दवाओं की भारी मांग है.