
इमरान खान के 'तीन यार' ऐन मौके पर दे गए गच्चा, PAK पीएम की कुर्सी बचनी अब मुश्किल!
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अविश्वास प्रस्ताव के दौरान इमरान सरकार में सहयोगी पार्टियां MQMP, PML-Q और BAP ने विपक्ष का समर्थन करने का फैसला किया है. इमरान खान सरकार के लिए सिर्फ सहयोगी पार्टियां ही चिंता का कारण नहीं हैं, बल्कि उनकी पार्टी तहरीक ए इंसाफ के 24 सांसदों ने भी बगावत कर रखी है.
सभी की निगाहें पाकिस्तान की नेशनल असेंबली पर टिकी हैं. यहां सोमवार को असेंबली सेशन शुरू हो गया. इस सत्र में इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी है. इससे पहले इमरान सरकार में गृह मंत्री शेख राशिद अहमद ने रविवार को कहा कि अगर सोमवार को स्पीकर असद कैसर अविश्वास प्रस्ताव को पेश करने की अनुमति देते हैं, तो इस पर 4 अप्रैल को वोटिंग होगी. हालांकि, इससे पहले इमरान खान को बड़ा झटका लगा है. दरअसल, इमरान सरकार में सहयोगी पार्टियों ने उनका साथ देना छोड़ दिया है. ये पार्टियां एक एक कर विपक्ष के साथ खड़ी होती नजर आ रही हैं.
बताया जा रहा है कि इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ के करीब 24 सांसद बागी हैं. इमरान खान इन्हें लगातार मनाने की कोशिश में जुटे हैं. लेकिन इसी बीच उनकी मुसीबत और बढ़ गई है. दरअसल, सरकार में सहयोगी पार्टियों MQMP, PMLQ और जम्हूरी वतन पार्टियों ने बगावती तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं. इससे पहले विपक्षी पार्टियां भी दावा कर चुकी हैं कि फ्लोर टेस्ट में इमरान सरकार का समर्थन करने वाली पार्टियां भी विपक्ष के साथ आ जाएंगी.
जमूरी वतन पार्टी ने दिया इमरान खान को बड़ा झटका
उधर, जमूरी वतन पार्टी के नेता शाहजैन बुगती ने इमरान खान को बड़ा झटका दिया. बुगती ने इमरान कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया. वे बलूचिस्तान में शांति और सुलह पर प्रधानमंत्री के विशेष सहायक के तौर पर सेवाएं दे रहे थे.
शाहजैन बुगती ने पीपीपी चीफ बिलावल भुट्टो के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान उन्होंने इस्तीफे का ऐलान किया. बुगती ने कहा, इमरान खान के नेतृत्व में बलूचिस्तान में विकास नहीं हुआ. सरकार ने हमें आशा दी थी कि चीजें अच्छी होंगी, लेकिन कुछ नहीं बदला. हम पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट के साथ खड़े हैं और जो कर सकते हैं करेंगे. फ्लोर टेस्ट से MQM कर सकती है वॉकआउट मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट आंदोलन इमरान खान की पार्टी के साथ सरकार में है. लेकिन MQM विपक्षी दलों के साथ भी लगातार बैठक कर रहा है. खासकर पीपीपी पार्टी के साथ बैठक के बाद भी MQM ने अपने पत्ते पूरी तरह से नहीं खोले हैं. हालांकि, पार्टी को ये भी पता है कि उसके कार्यकर्ता और समर्थक इमरान खान की पार्टी के साथ गठबंधन के बारे में क्यों सोचते हैं. हालांकि, पार्टी के लिए फैसला कठिन माना जा रहा है.
वहीं, पार्टी सूत्रों की मानें तो MQM फ्लोर टेस्ट के दौरान वॉकआउट कर सकती है. MQM अविश्वास प्रस्ताव के दौरान न ही इमरान खान के समर्थन के बार में विचार कर रही है और न ही विपक्ष का साथ देना चाहती है. MQM के जो नेता अविश्वास मत से दूर रहने के पक्ष में हैं, उनका मानना है कि पार्टी गठबंधन सरकार से बाहर आ जाए और विपक्ष के साथ अगले चुनाव पर ध्यान केंद्रित करे.

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.