
इफ्तार पार्टी के बाद तो लगता है नीतीश कुमार अब वाकई ‘कहीं नहीं जाने वाले हैं’
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नीतीश कुमार लंबे अर्से तक बीजेपी के साथ रहकर भी अपनी सेक्युलर छवि बनाये रखने का संदेश देते आ रहे थे, लेकिन अब वो बात नहीं रही. मुस्लिम संगठनो ने नीतीश कुमार की इफ्तार पार्टी का बहिष्कार कर साफ कर दिया है, नीतीश कुमार से उनका मोहभंग हो चुका है.
नीतीश कुमार लोकसभा चुनाव 2024 के ठीक पहले पाला बदलकर एनडीए में फिर से लौट आये थे. और, तभी से बार बार मौका देखकर दोहराते आ रहे हैं, 'अब कहीं नहीं जाऊंगा. अब यहीं रहना है.' बीजेपी नेतृत्व को खुश रखने के लिए वो याद दिलाने का कोई भी मौका नहीं छोड़ते कि वो आगे से कहीं नहीं जाने वाले हैं.
चाहे वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात का मौका हो, कोई सार्वजनिक समारोह हो, नीतीश कुमार सरेआम बताते रहते हैं कि महागठबंधन में जाना उनकी गलती थी. आगे से वो कभी भी गलती नहीं करेंगे, यानी बीजेपी के साथ ही एनडीए में बने रहेंगे.
सवाल ये है कि नीतीश कुमार के अब भी महागठबंधन में जाने का स्कोप बचा है क्या?
अब तक लालू यादव नरम रुख अपनाये हुए थे. ये बोलकर कि दरवाजा हमेशा खुला हुआ है, वो ये संदेश देने की कोशिश कर रहे थे कि नीतीश कुमार कभी भी एनडीए छोड़ सकते हैं, क्योंकि ये उनकी फितरत का हिस्सा है.
लेकिन, हाल फिलहाल दो घटनाएं ऐसी हुई हैं, जिनसे साफ होता है कि मुस्लिम समुदाय का नीतीश कुमार से मोहभंग हो चुका है - और लालू यादव इस मुद्दे को खूब हवा दे रहे हैं. वक्फ बिल के विरोध प्रदर्शन में मौके पर उनका पहुंच जाना तो यही बता रहा है.
पटना में नीतीश कुमार इफ्तार पार्टी के बाद तस्वीर बहुत हद तक साफ हो चुकी है - और अब तो यहां तक लगता है कि नीतीश कुमार अब वास्तव में बीजेपी को छोड़कर कहीं नहीं जाने वाले हैं, क्योंकि वक्फ संशोधन बिल के मुद्दे पर जेडीयू पूरी तरह बीजेपी की साथ खड़ी है.