
'भारत का प्राचीन ज्ञान विश्व के पुनर्निर्माण में सहायक', मोहन भागवत बोले- दुनिया हमसे उम्मीद कर रही
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आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने दुनिया के कल्याण के लिए मॉर्डन साइंस और पारंपरिक भारतीय ज्ञान के समन्वय को महत्वपूर्ण बताया है. साथ ही उन्होंने बताया कि गणित विषय क्यों जरूरी है. भागवत ने बताया कि भारत अगर विश्वगुरु बनने की आकांक्षाएं रखता है तो उसे क्या करना होगा.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने भारत की प्राचीन ज्ञान परंपरा के महत्व का उल्लेख किया है. भागवत ने कहा है कि आज पूरी दुनिया भारत की ओर समाधान की तलाश में भारत की ओर देख रही है. ऐसे में भारत की प्राचीन ज्ञान परंपरा उपयोगी साबित हो सकती है. हमारे शास्त्रों में मौजूद ज्ञान बहुत मूल्यवान है.
मोहन भागवत ने क्या कहा?
महाराष्ट्र के नागपुर में वैदिक गणित पर आधारिक एक पुस्तक के विमोचन के दौरान, भागवत ने मॉर्डन साइंस और पारंपरिक भारतीय ज्ञान के समन्वय को दुनिया के कल्याण के लिए जरूरी बताया.
मोहन भागवत ने कहा कि शास्त्रों का ज्ञान न केवल भारत के लिए बल्कि पूरी दुनिया के लिए अमूल्य है. दुनिया भारत की ओर समाधान की अपेक्षा से देख रही है. ऐसे में पारंपरिक भारतीय ज्ञान व्यवस्था दुनिया के पुनर्निर्माण में उपयोगी साबित हो सकता है. कई दशकों से दुनिया भारत से समाधान की अपेक्षा कर रही थी, अब और उनकी यह आवश्यकता बढ़ गई. क्योंकि उनके पास कोई भी प्रभावी समाधान नहीं है.
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भारत के विश्वगुरु बनने पर क्या बोले भागवत?

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