इन रास्तों पर विमान में टर्बुलेंस का खतरा सबसे ज्यादा, क्लाइमेट चेंज की वजह से 2050 तक चार गुना बढ़ जाएगा जोखिम
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सिंगापुर एयरलाइन्स की फ्लाइट 21 मई को एयर टर्बुलेंस में फंस गई. ये इतना जबर्दस्त था कि विमान ने कुछ ही मिनटों में हजारों फीट का गोता लगा दिया. इसमें एक मौत के अलावा 30 घायल हुए. वैसे थोड़ा-बहुत टर्बुलेंस विमान से यात्रा करने वालों के लिए कॉमन है, हालांकि कुछ रूट्स ऐसी भी हैं, जहां ये सबसे ज्यादा दिखता रहा.
सिंगापुर एयरलाइंस के एक विमान में मंगलवार को खतरनाक टर्बुलेंस में एक शख्स की जान चली गई, और कई लोग ज्यादा गंभीर रूप से घायल हुए. 73 साल के ब्रिटिश नागरिक की जान टर्बुलेंस के दौरान किस वजह से गई, इसपर जांच जारी है. लेकिन इस घटना के साथ ही एक बार फिर हवाई टर्बुलेंस पर चिंता बढ़ गई. कई रूट्स रिस्की जोन में आते हैं, जहां ये डर लगातार बना रहता है. अब क्लाइमेट चेंज की रफ्तार बढ़ने के साथ हादसों की रफ्तार भी बढ़ सकती है.
क्या है टर्बुलेंस, कब-कब दिखता है एविएशन में अक्सर इस टर्म का उपयोग होता है. ये हवा के बहाव में बदलाव की वजह से आने वाली उथलपुथल है. इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि जो हवा हवाई जहाज को उड़ाने में मदद करती है, उसमें बाधा आ जाए. इससे फ्लाइट को कम-ज्यादा धक्का लगता है और वो तेजी से नीचे-ऊपर होता है. इसका असर भीतर बैठे लोगों पर भी दिखता है. वे सीट-बेल्ट लगाए होने के बाद भी धक्का लगने जैसा महसूस करते हैं.
मोटे तौर पर टर्बुलेंस तीन तरह के होते हैं - हल्के स्तर पर फ्लाइट करीब 1 मीटर नीचे-ऊपर होती है. अक्सर यात्रियों को इसका कोई अहसास नहीं होता. मीडियम रेंज में विमान 3 से 6 मीटर तक उछल या नीचे आ सकता है, इसका पता लगना आसान है. गंभीर स्थिति में जहाज एक बार में 30 मीटर तक अप-डाउन हो जाते हैं. सीट-बेल्ट न लगाने पर दुर्घटना हो सकती है.
कब-कब होता है ये लगभग सभी फ्लाइट्स में किसी न किसी स्तर का टर्बुलेंस होता है. अगर कोई एयरक्राफ्ट किसी दूसरे विमान के पीछे टेक-ऑफ या लैंडिंग कर रहा हो तो पहले वाले के इंजन और विंगटिप्स से पैदा हवा पीछे वाले जहाज को असंतुलित कर सकती है. नीचे उतरने हुए तेज हवा की वजह से भी ये दिख जाता है. वहीं ऊंचाई पर आंधी-तूफान या पास में उड़ता कोई दूसरा एयरक्राफ्ट भी इसकी वजह बन सकता है.
एक किस्म क्लीयर-एयर टर्बुलेंस भी है. इसका अंदाजा लगाना बेहद मुश्किल है. यह अक्सर गर्म हवा के ठंडी हवा की तरफ बढ़ने की वजह से होता है. क्लाइमेट चेंज में ये घटना अक्सर दिखाई दे रही है.
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