![इजरायल: पांच साल चार चुनाव, नेतन्याहू फिर PM बनने के प्रबल दावेदार, ये है सियासी गणित](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202210/naetanayaahauu-sixteen_nine.jpg)
इजरायल: पांच साल चार चुनाव, नेतन्याहू फिर PM बनने के प्रबल दावेदार, ये है सियासी गणित
AajTak
इजरायल पांच साल में चौथी बार चुनाव के लिए झोंक दिया गया है. कल इजरायल की जनता फिर वोट करने जा रही है. मुकाबला बेंजामिन नेतन्याहू और यैर लैपिड के बीच दिखाई दे रहा है. चुनावी सर्वे बताते हैं कि इजरायल एक बार फिर नेतन्याहू को अपना प्रधानमंत्री चुन सकता है.
इजरायल में पांच साल में चौथी बार चुनाव होने जा रहे हैं. कल एक नवंबर को इजरायल में फिर वोटिंग होगी. एक बार फिर बेंजामिन नेतन्याहू के प्रधानमंत्री बनने की प्रबल संभावना मानी जा रही है. उनकी लिकुड पार्टी को स्पष्ट बहुमत तो मिलता नहीं दिख रहा, लेकिन सहयोगी दलों के सहारे वे सरकार बनाने में कामयाब हो सकते हैं. नेतन्याहू के प्रतिद्वंदी यैर लैपिड भी उन्हें कड़ी टक्कर दे रहे हैं, उनकी Yesh Atid party दूसरे पायदान पर रह सकती है. वहीं इजरायल के पूर्व प्रधानमंत्री नैफताली बेन्नेट ने इस बार खुद को चुनाव से दूर कर लिया है, वे नहीं लड़ने वाले हैं. उनके इस फैसले ने चुनावी मुकाबले को नेतन्याहू बनाम लैपिड बना दिया है.
क्या कहते हैं चुनावी सर्वे?
अब वोटिंग से पहले कुछ ओपिनियन पोल भी किए गए थे जिनके नतीजे बताते हैं कि नेतन्याहू और लैपिड के बीच में टक्कर तो कड़ी रहने वाली है, लेकिन लिकुड पार्टी दूसरे सहयोगी दलों के साथ बहुमत साबित करने में कामयाब हो सकती है. न्यूज आउटलेट Israel Hayom के फाइनल सर्वे के मुताबिक नेतन्याहू की पार्टी इस चुनाव में 30 सीटें जीत सकती है. लेकिन उनका दक्षिणपंथी और धार्मिक सहयोगियों का जो गुट है उसके खाते भी अच्छी सीटें आती दिख रही हैं. सहयोगी दलों के साथ लिकुड पार्टी को 61 सीटें मिलती दिख रही हैं. ऐसे में कुल आंकड़ा बहुमत साबित करने के लिए काफी रह सकता है. वहीं यैर लैपिड की Yesh Atid party को इस सर्वे में 25 सीटें दी जा रही हैं. वहीं उनके नेतन्याहू विरोधी गुट को भी इसमें शामिल कर लिया जाए तो उनका आंकड़ा 59 पहुंच जाता है, यानी कि बहुमत दो सीटें कम.
अब इस ओपिनियन पोल में जरूर नेतन्याहू मामूली बढ़त लेते दिख रहे हैं, लेकिन कुछ दूसरे चैनलों के सर्वे भी सामने आए हैं जहां पर ये चुनावी लड़ाई उम्मीद से ज्यादा टाइट बताई जा रही है. इजरायली डेली Maariv के मुताबिक दोनों नेतन्याहू और लैपिड की पार्टी को इस चुनाव में 60-60 सीटें मिल सकती हैं. तीन और सर्वे जो किए गए हैं, उनमें भी दोनों पार्टियों को 60-60 सीटों पर दिखाया जा रहा है. ऐसे में बहुमत से दोनों ही नेता दूर चल रहे हैं. लेकिन राजनीतिक जानकार मानते हैं कि नेतन्याहू के सहयोगी दल ज्यादा एकजुट हैं, ऐसे में कम सीटों के बावजूद भी सरकार बनाने के प्रबल दावेरादर वे रहने वाले हैं.
इजरायल की चुनावी व्यवस्था क्या है?
इसे ऐसे समझ सकते हैं कि 120 सीटों वाले इजरायल चुनाव में जिस भी पार्टी के पक्ष में वोटर टर्नआउट ज्यादा रहता है, उसकी जीतने की उम्मीद ज्यादा बन जाती है. असल में इजरायल में जनता कभी भी किसी उम्मीदवार के लिए वोट नहीं करती है, उनकी तरफ से पार्टी को वोट दिया जाता है. अगर संसद में किसी को भी सीट चाहिए होती है तो नेशनल वोट का कम से कम 3.25% चाहिए ही होता है. यानी कि इजरायल में प्रोपोर्शनल रिप्रेजेंटेशन वाली चुनावी व्यवस्था चलती है जहां पर जिस पार्टी को जितना वोट मिलेगा, उसी के हिसाब से उसे सीटें भी मिलेंगी.
![](/newspic/picid-1269750-20250214181736.jpg)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात ने दोनों नेताओं के बीच गहरी मित्रता को दर्शाया. ट्रंप ने मोदी को 'आई मिस यू' कहकर स्वागत किया, जबकि मोदी ने दोनों देशों के संबंधों को '1+1=111' बताया. दोनों नेताओं ने व्यापार, सुरक्षा और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की. ट्रंप ने मोदी को 'महान नेता' और 'खास व्यक्ति' बताया. मोदी ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा. दोनों नेताओं ने यूक्रेन युद्ध पर भी चर्चा की और शांति की आवश्यकता पर जोर दिया.
![](/newspic/picid-1269750-20250214171223.jpg)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात में दोस्ती और व्यापार पर चर्चा हुई. दोनों नेताओं ने एक-दूसरे की तारीफ की, लेकिन व्यापार मुद्दों पर तनाव बरकरार रहा. ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा की, जो भारत के लिए चुनौती हो सकती है. मुलाकात में एफ-35 फाइटर जेट्स और तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर भी चर्चा हुई.
![](/newspic/picid-1269750-20250214141339.jpg)
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक में दोनों देशों के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग पर गहन चर्चा की गई. इस चर्चा में अमेरिका ने भारत को F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट्स, स्ट्राइकर कॉम्बैट व्हीकल्स और जावलिन मिसाइल्स की पेशकश की. विशेषज्ञों का विचार है कि ये हथियार भारत की आत्मनिर्भरता नीति के सटीक अनुरूप नहीं हैं.
![](/newspic/picid-1269750-20250214112147.jpg)
रूस-यूक्रेन जंग को खत्म करने का ब्लू प्रिंट अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लगभग तैयार कर लिया है. इससे पहले ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन और यू्क्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से फोन पर बातचीत की. ट्रंप चाहते हैं कि नाटो में शामिल होने की जिद्द यूक्रेन छोड़ दे लेकिन जेलेंस्की ने अपने देश की सुरक्षा का हवाला दिया है.
![](/newspic/picid-1269750-20250214095639.jpg)
PM नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बीच हुई मुलाकात में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई. आतंकवाद से निपटने में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बन गई, जिसमें ठाकुर हसन राणा के प्रत्यर्पण का विषय भी शामिल था. फार्मास्यूटिकल क्षेत्र में भारत-अमेरिका के सहयोग पर भी वार्ता हुई, जहाँ अमेरिकी बाजार में भारतीय जेनेरिक दवाओं की भारी मांग है.