' इजरायल को दोष नहीं दे सकते...', पुर्तगाली राष्ट्रपति बोले- कट्टरपंथ की शुरुआत फिलिस्तीन समूहों ने की
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पुर्तगाल के राष्ट्रपति ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि, आपको युद्ध शुरू करने और फिर सुविधाजनक होने पर युद्धविराम की मांग करने का अधिकार नहीं है. फिलिस्तीनी ने इसकी शुरुआत की. आप इज़राइल को दोष नहीं दे सकते, आपको इसकी शुरुआत नहीं करनी चाहिए थी. कट्टरपंथ कुछ फ़िलिस्तीनी समूहों द्वारा शुरू किया गया था.
इजरायल-हमास की जंग जारी है और अब यह 29वें दिन में प्रवेश कर चुकी है. 7 अक्टूबर को हमास के हमले से शुरू हुई इस जंग का अभी तक कोई हल नहीं निकल पाया है. बशर्ते महीने भर में 10 हजार लोगों की बलि जरूर चढ़ गई है. घायलों की संख्या इतनी है कि अब उन्हें गिना जाना लगभग बंद सा कर दिया गया है.
इसी बीच पुर्तगाल के राष्ट्रपति ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि, आपको युद्ध शुरू करने और फिर सुविधाजनक होने पर युद्धविराम की मांग करने का अधिकार नहीं है. फिलिस्तीनी ने इसकी शुरुआत की. आप इज़राइल को दोष नहीं दे सकते, आपको इसकी शुरुआत नहीं करनी चाहिए थी. इस पर जब पत्रकार ने पुर्तगाल के राष्ट्रपति से 10,000 लोगों के मारे जाने की बात कही, तो उन्होंने जवाब दिया, कट्टरपंथ कुछ फ़िलिस्तीनी समूहों द्वारा शुरू किया गया, आप इज़राइल को दोष नहीं दे सकते.
शनिवार को, आईडीएफ प्रवक्ता हगारी ने कहा, हम ग्राउंड पर और ग्राउंड के नीचे (सुरंग) हमास के फील्ड कमांडरों की तलाश कर रहे हैं और उन्हें खत्म कर रहे हैं. युद्ध की शुरुआत के बाद से हमने हमास के रेजिमेंट कमांडरों और ब्रिगेड कमांडरों के रैंक के बराबर 10 आतंकवादियों को मार डाला है.वे वही लोग हैं, जिन्होंने 7 अक्टूबर को भयानक नरसंहार की योजना बनाई थी. उन्होंने कहा, हमारे जवान युद्ध में आगे बढ़ रहे हैं. वे ग्राउंड पर ऊपर और अंडरग्राउंड आतंकवादी इन्फ्रास्ट्रक्चर को नष्ट कर रहे हैं और आतंकवादियों को खत्म कर रहे हैं.
आईडीएफ का कहना है कि उसने युद्ध की शुरुआत से अब तक हमास के 10 ब्रिगेड, बटालियन कमांडरों को मार डाला है. आईडीएफ के प्रवक्ता रियर एडमिरल डेनियल हगारी का कहना है कि सेना हमास के फील्ड कमांडरों को मारने के अपने प्रयास जारी रखे हुए है. हगारी कहते हैं, हिजबुल्लाह के बार-बार हमलों के बीच उत्तर में तनाव के बावजूद सेना गाजा पट्टी पर ध्यान केंद्रित कर रही है. उन्होंने आगे कहा, लक्ष्य हमास को खत्म करना और बंधकों को वापस लेकर आना है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को डोमिनिका के सर्वोच्च पुरस्कार 'डोमिनिका अवार्ड ऑफ ऑनर' से सम्मानित किया गया. इस सम्मान का आयोजन गुयाना में आयोजित भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन में डोमिनिका की राष्ट्रपति सिल्वेनी बर्टन ने किया. प्रधानमंत्री मोदी ने इस सम्मान को प्राप्त करने के बाद इसे भारत के 140 करोड़ नागरिकों को समर्पित किया है. देखें...
इस सम्मान से सम्मानित होने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि गुयाना के सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित किए जाने पर मैं मेरे मित्र राष्ट्रपति इरफान अली का ह्रदय से आभार व्यक्त करता हूं. ये सम्मान केवल मेरा ही नहीं बल्कि भारत के 140 करोड़ लोगों का सम्मान है. यह हमारे संबंधों के प्रति आपकी गहरी प्रतिबद्धता का सजीव प्रमाण है जो हमें हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता रहेगा.
अमेरिका के कैलिफोर्निया स्टेट के लॉस एंजलेस शहर में यूएस इमिग्रेशन डिपार्टमेंट एक शख्स के ट्रैवल डॉक्यूमेंट चेक कर रहा था. उसके पास भारतीय पासपोर्ट था. पासपोर्ट पर उसका नाम भानू लिखा हुआ था. बाद में खुलासा हुआ कि भानू कोई और नहीं बल्कि लॉरेंस बिश्नोई का छोटा भाई और दस लाख रुपये का इनामी आतंकवादी अनमोल बिश्नोई है.