इजरायल का बड़ा एक्शन, हिजबुल्लाह के एक और बड़े कमांडर की मौत
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इजरायल ने दक्षिणी लेबनान के कई इलाकों पर एरस्ट्राइक की. इन एयरस्ट्राइक में हिजबुल्ला के सीनियर कमांडर की मौत हो गई. इस कमांडर का नाम सामी अब्दुल्ला उर्फ अबू तालेब है.
दक्षिणी लेबनान में इजरायली एयरस्ट्राइक में हिजबुल्लाह (Hezbollah) के एक बड़े कमांडर को मार गिराया गया है. खुद हिजबुल्लाह ने इसकी पुष्टि की है.
ये हमला दक्षिणी लेबनान में Jouaiyya और Abdullah में किए गए. इन एयरस्ट्राइक में हिजबुल्ला के सीनियर कमांडर की मौत हुई है. इस कमांडर का नाम सामी अब्दुल्ला उर्फ अबू तालेब है, जिसका जन्म 1969 में हुआ था.
लेबनान की सेना से जुड़े सूत्र ने बताया कि इजरायल और हमास के बीच जंग शुरू होने के बाद से इसमें सामी की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी. वह दक्षिणी लेबनान में क्षेत्रीय प्रभारी था.
बता दें कि पिछले साल 7 अक्टबूर को फिलिस्तीन के हथियारबंद संगठन हमास ने इजरायल पर हमला कर 1200 लोग को मार डाला था, जबकि 252 लोगों को बंधक बनाकर गाजा ले गया था. इसके बाद हमास आधे से ज्यादा बंधकों को छोड़ चुका है, लेकिन अभी भी इसके कैद में करीब 124 इजरायली नागरिक हैं. हमास का कहना है कि जब तक इजरायल गाजा में अपनी सैन्य कार्रवाई खत्म कर वापस नहीं लौट जाता वो बंधकों को नहीं छोड़ेगा.
वहीं इसके जवाब में इजरायल अब तक 35 हज़ार से ज़्यादा फिलिस्तीनियों को गाजा और वेस्ट बैंक में मार चुका है. इजरायल चाहता है कि हमास पहले बंधकों को छोड़े जिसके बाद वो गाजा छोड़ने पर विचार करेंगे. हाल ही में हमास ने इजरायल को गाजा में युद्धविराम के लिए प्रस्ताव भी दिया था, जिसे इजरायल ने स्वीकार करने से इनकार कर दिया. उसका आरोप है कि हमास अपनी शर्तों पर युद्ध विराम चाहता है, जो उसे बिल्कुल मंजूर नहीं है.
कनाडा के चुनावों में विदेशी हस्तक्षेप के मामले में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो बुरी तरह घिर गए हैं. विपक्षी कंजर्वेटिव पार्टी लगातार ट्रूडो पर हमलावर है और चीन से चुनावी नतीजे प्रभावित करवाने का आरोप लगा रही है. इस मामले में ट्रूडो ने जांच आयोग के सामने बयान दर्ज कराए हैं. आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला.
इजरायल अपने चारों दिशाओं की सीमाओं पर इस वक्त जंग लड़ रहा है. एक तरफ गाजा और वेस्टबैंक में हमास के लड़ाके हैं तो दूसरी तरफ लेबनान में हिजबुल्ला को खत्म करने के लिए जंग सबसे निर्णायक मोड़ पर है. तीसरी तरफ ईरान से जंग और ये जंग कभी भी भड़क कर विश्व युद्ध की शक्ल ले सकती है क्योंकि अगर ईरान के साथ इजरायल सीधा युद्ध शुरु करता है तो ये जंग सिर्फ मिडल ईस्ट तक ही सीमित नहीं रहेगी. तो चौथी तरफ सीरिया है.
ईरान के कुछ और न्यूक्लियर साइंटिस्ट, हिज्बुल्लाह और हमास के कुछ और कमांडर को छोड़ दें तो पिछले चार सालों में हुई इन छह मौतों ने ईरान को हिला कर रख दिया है. वजह ये है कि ये छह की छह मौतें मामूली नहीं हैं. बल्कि ये वो छह लोग थे जिनका रुटीन, जिनकी मीटिंग, जिनके ठिकाने, जिनकी मूवमेंट इतने गुप्त रखे जाते थे.