इकोनॉमी में डिजिटल इंडिया को झटका! नकदी का इस्तेमाल रिकॉर्ड लेवल पर पहुंचा
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वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान देश में नकदी का इस्तेमाल जीडीपी के 14.7 फीसदी तक चला गया है, जो अब तक का एक रिकॉर्ड है. नोटबंदी वाले साल में कैश-जीडीपी अनुपात काफी कम था और उसके बाद यह बढ़ता ही गया है.
मोदी सरकार भारतीय अर्थव्यवस्था को ज्यादा से ज्यादा डिजिटल बनाने की कोशिश कर रही है. लेकिन हाल में रिजर्व बैंक द्वारा जारी आंकड़े इस अभियान को तगड़ी चोट पहुंचाते दिख रहे हैं. वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान देश में नकदी का इस्तेमाल सकल घरेलू उत्पाद (GDP) के 14.7 फीसदी तक चला गया है, जो अब तक का एक रिकॉर्ड है. नोटबंदी वाले साल में कैश-जीडीपी अनुपात काफी कम था और उसके बाद यह बढ़ता ही गया है. भारतीय रिजर्व बैंक की सालाना रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ है. रिपोर्ट के अनुसार इसके पहले हमेशा नकदी और सकल घरेलू उत्पाद का अनुपात 12 फीसदी से कम रहा है.Petrol-Diesel Prices Today: इंटरनेशनल मार्केट में कच्चा तेल के दाम एक बार फिर से बढ़ने लगे हैं, आज ब्रेंट क्रूड 71.04 डॉलर प्रति बैरल है, जबकि WTI क्रूड 67.02 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है. वहीं, भारत की बात करें तो सरकारी तेल कंपनियों ने आज 17 नवंबर, 2024 को भी सभी महानगरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर ही रखी हैं.
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Petrol-Diesel Prices Today: इंटरनेशनल मार्केट में कच्चा तेल के दाम एक बार फिर से बढ़ने लगे हैं, आज ब्रेंट क्रूड 71.04 डॉलर प्रति बैरल है, जबकि WTI क्रूड 67.02 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है. वहीं, भारत की बात करें तो सरकारी तेल कंपनियों ने आज 16 नवंबर, 2024 को भी सभी महानगरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर ही रखी हैं.
Petrol-Diesel Prices Today: इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल के दाम एक बार फिर से बढ़ने लगे हैं, आज ब्रेंट क्रूड 72.12 डॉलर प्रति बैरल है, जबकि WTI क्रूड 68.29 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार कर रहा है. वहीं, भारत की बात करें तो सरकारी तेल कंपनियों ने आज 15 नवंबर, 2024 को भी सभी महानगरों में पेट्रोल और डीजल की कीमतें स्थिर ही रखी हैं.