आधे घंटे का रास्ता 45 मिनट में होता है पूरा, दिल्ली की सड़कों पर क्यों आम है जाम?
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नीदरलैंड्स की कंपनी TomTom के मुताबिक, सबसे ज्यादा ट्रैफिक कंजेशन में दिल्ली दुनिया का 11वां शहर है. यहां ट्रैफिक कंजेशन लेवल 48% है, यानी आधे घंटे का सफर पूरा होने में 48% समय ज्यादा लगता है.
राजधानी दिल्ली में सोमवार को अचानक मौसम बदला तो तेज आंधी और बारिश ने जगह-जगह पेड़ और बिजली के खंभे उखाड़ दिए. इस बदले मौसम ने दिल्लीवालों की रोज की ट्रैफिक जाम की मुश्किलों को मुसीबत में बदल दिया.
महेश कुमार ऑटो चलाते हैं. उन्हें हाईकोर्ट से जय सिंह मार्ग तक पहुंचने में डेढ़ घंटे लग गए. महेश कुमार जैसे लोग हजारों की संख्या में थे जो जगह-जगह जाम में फंसे रहे. बारिश के मौसम में ट्रैफिक जाम आम है, लेकिन दिल्ली वालों के लिए ये महज समस्या नहीं बल्कि मुसीबत है और कुछ हद तक जानलेवा मुसीबत भी. वजह है राजधानी में सड़कों की तुलना में बेतहाशा बढ़ती वाहनों की संख्या.
पहले जानिए देश में कितने लोगों के पास है वाहन
नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-5 (NFHS-5) के आंकड़े बताते हैं कि देश के 7.5% परिवारों के पास अपनी कार है. 2018 में ये आंकड़ा 6% का था. ऐसे ही 49.7% परिवारों के पास दोपहिया वाहन हैं. 2018 में ये 37.7% था. वहीं 50.4% परिवारों के पास साइकिल है, जबकि 2018 में ये आंकड़ा 52.1% का था. ये आंकड़े बताते हैं कि सड़क पर कार और बाइक वालों की संख्या बढ़ रही है, जबकि साइकल वालों की संख्या घट रही है.
दिल्ली में कितने लोगों के पास कार है?
ये तो बात हुई देश की लेकिन, राजधानी दिल्ली की बात की जाए तो यहां हर 100 में से 20 परिवारों के पास अपनी कार है. यानी देश के औसत से करीब तीन गुना ज्यादा. सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में 19.4% परिवारों में कार है. जैसे-जैसे कारों की समस्या बढ़ रही है, वैसे-वैसे ट्रैफिक की समस्या भी बढ़ रही है.
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