आज का दिन : मोदी सरकार का बड़ा दांव, 10 लाख लोगों की बहाली होगी शुरू!
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रोज़गार मेला के ज़रिए केंद्र सरकार का दस लाख नौकरियां के लक्ष्य की क्या हैं चुनौतियां? ब्रिटेन में प्रधानमंत्री लिज़ ट्रस के इस्तीफ़े के बाद किस नाम पर सबसे ज़्यादा चर्चा? और, दिवाली के जश्न के बीच कोविड को लेकर कौन सी नई चेतावनी जारी हुई है? सुनिए 'आज का दिन' में जमशेद क़मर सिद्दीक़ी से
आजतक रेडियो' के मॉर्निंग न्यूज़ पॉडकास्ट 'आज का दिन' में सुनेंगे - रोज़गार मेला के ज़रिए केंद्र सरकार के दस लाख नौकरियां के लक्ष्य की क्या हैं चुनौतियां? ब्रिटेन में प्रधानमंत्री लिज़ ट्रस के इस्तीफ़े के बाद किस नाम पर सबसे ज़्यादा चर्चा? और, दिवाली के जश्न के बीच कोविड को लेकर कौन सी नई चेतावनी जारी हुई है?
आज तक रेडियो आप के लिए लाता है सुबह सवेरे देश का पहला मॉर्निंग न्यूज़ पॉडकास्ट ‘आज का दिन’, जहां आप हर सुबह अपने काम की शुरुआत करते हुए सुन सकते हैं आपके काम की ख़बरें और उन पर क्विक एनालिसिस. साथ ही, सुबह के अख़बारों की सुर्ख़ियाँ और आज की तारीख में जो घटा, उसका हिसाब किताब. आगे लिंक भी देंगे लेकिन पहले जान लीजिए कि आज के एपिसोड में हमारे पॉडकास्टर जमशेद क़मर सिद्दीक़ी किन ख़बरों पर बात कर रहे हैं.
दस लाख नौकरियों के लक्ष्य की चुनौतियांCMIE यानि सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनमी के मुताबिक भारत में बेरोज़गारी की दर पिछले कई महीनों तक लगातार 7 फीसदी के आस पास रही. जो ग्लोबल एवरेज से अधिक थी. ओपोजिशन पार्टीज इसके लिए मोदी सरकार को दम भर कोसती रहीं. सरकार बचाव करती रही लेकिन अब गवर्मेंट एक्शन-मोड में है. कल पीएम मोदी एक रोजगार मेला लांच करने वाले हैं जिसके तहत 10 लाख लोगों को नौकरी दी जाएगी. क्या है इस मेले का लक्ष्य और क्या हैं इस योजना की चुनौतियां - बता रहे हैं आजतक रेडियो रिपोर्टर हिमांशु मिश्रा
ब्रिटेन में पीएम पद के लिए किसका नाम? 45 दिन के भीतर ब्रिटेन में लिज़ ट्रस का बतौर पीएम इस्तीफा हो गया. कंजरवेटिव पार्टी 28 अक्टूबर को इन्टर्नल इलेक्शन के तहत नए प्रधानमंत्री चुनने की ओर बढ़ रही है. मीडिया रिपोर्ट्स में पूर्व प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के भी चुनाव लड़ने की चर्चा है और सही दांव चल गया तो फिर से वे पीएम भी बन सकते हैं लेकिन सवाल है कि जिस तरह की अस्थिरता है वहां, क्या कोई भी नया या पुराना नाम अगले आम चुनाव तक सरकार चला पाएगा या फिर स्नैप इलेक्शन की स्थिति बन रही है वहां? इस बारे में बता रहे हैं सीनियर जर्नलिस्ट और कॉमेंटेटर प्रकाश. के. रे.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
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