आजतक के खुलासे के बाद हरकत में डीडीए, दिल्ली के गोविंदपुरी थाने में दर्ज कराई शिकायत
AajTak
आजतक के स्टिंग ऑपरेशन में डीडीए फ्लैट्स की धोखाधड़ी का पर्दाफाश होने के बाद, डीडीए ने गोविंदपुरी पुलिस थाने में बिचौलियों और धोखेबाजों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है. यह कार्रवाई फ्लैट्स के अवैध बिक्री के खुलासे के बाद हुई.
प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत दिल्ली में गरीब और झुग्गीवासियों के लिए बनाए गए फ्लैटों की आवंटन प्रक्रिया में धांधली का पर्दाफाश आजतक ने कल अपने विशेष स्टिंग ऑपरेशन में किया था. इस खुलासे के बाद दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) हरकत में आया और आज (शनिवार को) गोविंदपुरी पुलिस थाने में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई. यह कार्रवाई आजतक की रिपोर्ट का सीधा नतीजा है, जो इस धोखाधड़ी को उजागर करने के बाद हुई.
स्टिंग ऑपरेशन से खुला राज
शुक्रवार को प्रसारित इस विशेष रिपोर्ट में आजतक की टीम ने दिखाया था कि कैसे डीडीए के कुछ भ्रष्ट कर्मचारी और बिचौलिये मिलकर प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत झुग्गीवासियों के लिए बने फ्लैट्स को खुले बाजार में बेच रहे थे. फ्लैट की कीमत लाखों में बताई जा रही थी, जबकि ये फ्लैट गरीबों के लिए बनाए गए थे. स्टिंग में बिचौलिये संजय कुमार पंडित और सुधीर शर्मा ने खुलेआम कहा कि वे झुग्गीवासियों के नाम पर फर्जी कागजात बनाकर आम नागरिकों को ये फ्लैट बेचने के लिए तैयार हैं. संजय कुमार पंडित ने बताया, 'आप 6.5 लाख रुपये दीजिए, बाकी कागजी काम हम करवा देंगे. आपका नाम झुग्गीवासियों की लिस्ट में जुड़ जाएगा.'
यह भी पढ़ें: Exclusive: पैसे दो, सरकारी घर लो... दिल्ली में PM आवास योजना के तहत बने मकान खुले बाजार में बेच रहे माफिया
पीछे की कहानी
प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) की शुरुआत 2015 में देश के गरीब और झुग्गीवासियों को मकान मुहैया कराने के लिए की गई थी. इस योजना के तहत दिल्ली में भी कई फ्लैट बनाए गए, जिनमें से कई फ्लैटों का आवंटन दक्षिण दिल्ली के कालकाजी इलाके में हुआ. हालांकि, इन फ्लैटों की अच्छी लोकेशन और कीमत ने माफिया का ध्यान आकर्षित किया, जिसके कारण फर्जीवाड़े का यह गंदा खेल शुरू हुआ.
मणिपुर हिंसा को लेकर देश के पूर्व गृहमंत्री पी चिदंबरम खुद अपनी पार्टी में ही घिर गए हैं. उन्होंने मणिपुर हिंसा को लेकर एक ट्वीट किया था. स्थानीय कांग्रेस इकाई के विरोध के चलते उन्हें ट्वीट भी डिलीट करना पड़ा. आइये देखते हैं कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व क्या मणिपुर की हालिया परिस्थितियों को समझ नहीं पा रहा है?
महाराष्ट्र में तमाम सियासत के बीच जनता ने अपना फैसला ईवीएम मशीन में कैद कर दिया है. कौन महाराष्ट्र का नया मुख्यमंत्री होगा इसका फैसला जल्द होगा. लेकिन गुरुवार की वोटिंग को लेकर सबसे ज्यादा चर्चा जनता के बीच चुनाव को लेकर उत्साह की है. जहां वोंटिग प्रतिशत में कई साल के रिकॉर्ड टूट गए. अब ये शिंदे सरकार का समर्थन है या फिर सरकार के खिलाफ नाराजगी.