!['अल्लाह के नाम पर फायदा ना उठाएं...', मलेशिया के किंग ने क्यों दी चेतावनी](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202403/66040bc1bcc45-kk-mart-allah-socks-issue-270624725-16x9.jpg)
'अल्लाह के नाम पर फायदा ना उठाएं...', मलेशिया के किंग ने क्यों दी चेतावनी
AajTak
मलेशिया के एक सुपरमार्केट में बेचे जा रहे मोजे पर अरबी में 'अल्लाह' लिखा हुआ था. इस घटना के सामने आने के बाद से मलेशिया के एक खास समुदाय में आक्रोश है. बढ़ते विवाद के बीच मलेशिया के किंग सुल्तान इब्राहिम ने इस विवाद का फायदा उठाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की चेतावनी दी है.
मुस्लिम बहुल देश मलेशिया में 'अल्लाह' मोजे स्कैंडल को लेकर बवाल मचा हुआ है. दरअसल, मलेशिया के एक सुपरमार्केट में बेचे जा रहे मोजे पर अरबी में 'अल्लाह' लिखा हुआ था. रिपोर्ट के मुताबिक, 'अल्लाह' लिखे हुए मोजे की पांच जोड़ी की बिक्री हुई है.
इस घटना के सामने आने के बाद से मलेशिया के एक खास समुदाय में आक्रोश है. इस मामले को लेकर मलेशिया के एक नेता को जान से मारने की धमकी भी दी गई है. वहीं, सुपरमार्केट की एक ब्रांच पर पेट्रोल बम से हमला करने का भी प्रयास किया गया है. जिसके बाद मलेशिया के किंग सुल्तान इब्राहिम ने इस विवाद का फायदा उठाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने की चेतावनी दी है.
न्यूज रिपोर्ट के मुताबिक, मामले के सामने के बाद मलेशिया के किंग ने सभी राजनीतिक पार्टियों से आह्वान किया है कि वे 'अल्लाह' शब्द वाले मोजों की बिक्री पर जारी विवाद का फायदा उठाना बंद करें. साथ ही उन्होंने मलेशियाई लोगों खासकर समुदाय के नेताओं से परिपक्वता के साथ काम करने और एकता को मजबूत करने के लिए इस घटना से सीखने का आग्रह किया है.
रिपोर्ट के मुताबिक, मलेशिया के केके सुपरमार्केट ने जो मोजे मंगाए थे. उस मोजे पर अरबी शब्द में 'अल्लाह' लिखा हुआ था. सुपरमार्केट का मालिकाना हक चीनी नागरिक के पास है. मलेशिया की कोर्ट में इस सुपरमार्केट पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगाया गया है. हालांकि, सुपरमार्केट ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है और मोजे को बेचने की अनुमति देने से पहले ही माफी मांग चुका है.
इस घटना से सीखने की जरूरतः सुल्तान इब्राहिम
मामले के उजागर होने के बाद मलय मुस्लिम समुदाय के कट्टर लोगों ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. जिससे देश में चीनी और भारतीय समुदायों के साथ नस्लीय तनाव और बढ़ गया है. 2022 में हुए आम चुनाव के बाद से ही भारतीय और चीनी समुदायों को लेकर नस्लीय तनाव पहले से ही बढ़ा हुआ है.
![](/newspic/picid-1269750-20250214181736.jpg)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात ने दोनों नेताओं के बीच गहरी मित्रता को दर्शाया. ट्रंप ने मोदी को 'आई मिस यू' कहकर स्वागत किया, जबकि मोदी ने दोनों देशों के संबंधों को '1+1=111' बताया. दोनों नेताओं ने व्यापार, सुरक्षा और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की. ट्रंप ने मोदी को 'महान नेता' और 'खास व्यक्ति' बताया. मोदी ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा. दोनों नेताओं ने यूक्रेन युद्ध पर भी चर्चा की और शांति की आवश्यकता पर जोर दिया.
![](/newspic/picid-1269750-20250214171223.jpg)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात में दोस्ती और व्यापार पर चर्चा हुई. दोनों नेताओं ने एक-दूसरे की तारीफ की, लेकिन व्यापार मुद्दों पर तनाव बरकरार रहा. ट्रंप ने रेसिप्रोकल टैरिफ की घोषणा की, जो भारत के लिए चुनौती हो सकती है. मुलाकात में एफ-35 फाइटर जेट्स और तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण पर भी चर्चा हुई.
![](/newspic/picid-1269750-20250214141339.jpg)
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक में दोनों देशों के बीच बढ़ते रक्षा सहयोग पर गहन चर्चा की गई. इस चर्चा में अमेरिका ने भारत को F-35 स्टेल्थ फाइटर जेट्स, स्ट्राइकर कॉम्बैट व्हीकल्स और जावलिन मिसाइल्स की पेशकश की. विशेषज्ञों का विचार है कि ये हथियार भारत की आत्मनिर्भरता नीति के सटीक अनुरूप नहीं हैं.
![](/newspic/picid-1269750-20250214112147.jpg)
रूस-यूक्रेन जंग को खत्म करने का ब्लू प्रिंट अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लगभग तैयार कर लिया है. इससे पहले ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन और यू्क्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से फोन पर बातचीत की. ट्रंप चाहते हैं कि नाटो में शामिल होने की जिद्द यूक्रेन छोड़ दे लेकिन जेलेंस्की ने अपने देश की सुरक्षा का हवाला दिया है.
![](/newspic/picid-1269750-20250214095639.jpg)
PM नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बीच हुई मुलाकात में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई. आतंकवाद से निपटने में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बन गई, जिसमें ठाकुर हसन राणा के प्रत्यर्पण का विषय भी शामिल था. फार्मास्यूटिकल क्षेत्र में भारत-अमेरिका के सहयोग पर भी वार्ता हुई, जहाँ अमेरिकी बाजार में भारतीय जेनेरिक दवाओं की भारी मांग है.