अमेरिका में क्रैश हुए शिप पर 50 दिन बाद भी क्यों फंसे हैं भारतीय? फोन भी कर लिया गया जब्त
AajTak
अमेरिका के बाल्टीमोर में 'द डाली' कार्गो शिप 26 मार्च की सुबह एक ऐतिहासिक ब्रिज से टकरा गया था, जिससे ब्रिज पानी में समा गया था. इसका मलबा शिप पर भी गिरा था, जिससे शिप को वहां से निकालने मुश्किलें आ रही है. इस हादसे को करीब 50 दिन बीत चुके हैं और इसके क्रू सदस्य अब भी उसी शिप पर फंसे हैं.
अमेरिका के बाल्टीमोर में दुर्घटनाग्रस्त कार्गो शिप 'द डाली' से भारतीय क्रू सदस्यों को अब तक आजादी नहीं मिली है. 49 दिनों बाद भी वे वहीं फंसे हैं. एक लिहाज से वे 'डाली' शिप पर हिरासत में रखे गए हैं. फ्रांसिस स्कॉट की ब्रिज के साथ टक्कर के बाद शिप वहीं फंस गया था और ब्रिज के मलबे के नीचे दब गया था. भारी दबाव की वजह से उसे वहां से निकालने में मुश्किलें आ रही है.
एक न्यूज एजेंसी के मुताबिक, हादसे के बाद शिप के तमाम 21 क्रू सदस्य उसी शिप पर हैं. हादसे की जांच चल रही है, जिसमें लाखों डॉलर का ऐतिहासिक ब्रिज पानी में समा गया था. जांच टीम ने सभी क्रू सदस्यों के मोबाइल फोन भी जब्त कर लिए हैं और उनसे पूछताछ चल रही है. इस हादसे में छह मजदूरों की मौत हो गई थी, जो ब्रिज पर गड्ढों को भरने का काम कर रहे थे. सभी के शव बाद में पानी से निकाले गए थे.
यह भी पढ़ें: बाल्टीमोर में पुल टूटना क्यों है बड़ा हादसा? जानें- इससे क्या असर पड़ सकता है
क्रू सदस्यों पर गिर सकती है गाज
रिपोर्ट की मानें तो कुछ जानकार मानते हैं कि इस दुर्घटना के लिए क्रू सदस्यों को निजी तौर पर जिम्मेदार ठहराया जा सकता है. न्यू यॉर्क स्थित एक चर्च इंस्टीट्यूट के डायरेक्टर अपनी टीम के साथ क्रू सदस्यों से मिलने के लिए घटनास्थल और उनका पक्ष जानने की कोशिश की थी. मसलन, सबसे बड़ा सवाल यही बना हुआ है कि आखिर क्रू सदस्यों को मामले की जांच से आजादी कब मिलेगी और वे कब तक अपने घर लौट सकेंगे?
गौरतलब है कि, 26 मार्च को अमेरिका के बाल्टीमोर में डाली नाम का एक कार्गो जहाज ऐतिहासिक Key Bridge से टकरा गया था, जिससे हादसा हुआ. डाली कार्गो जहाज का संचालन करने वाली कंपनी के प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि क्रू सदस्यों को खाने-पीने की दिक्कत नहीं हो रही है, क्योंकि शिप पर पर्याप्त स्टॉक्स मौजूद हैं. कंपनी ने यह भी बताया है कि कुछ क्रू सदस्य श्रीलंका और पाकिस्तान के भी हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को डोमिनिका के सर्वोच्च पुरस्कार 'डोमिनिका अवार्ड ऑफ ऑनर' से सम्मानित किया गया. इस सम्मान का आयोजन गुयाना में आयोजित भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन में डोमिनिका की राष्ट्रपति सिल्वेनी बर्टन ने किया. प्रधानमंत्री मोदी ने इस सम्मान को प्राप्त करने के बाद इसे भारत के 140 करोड़ नागरिकों को समर्पित किया है. देखें...
इस सम्मान से सम्मानित होने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि गुयाना के सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित किए जाने पर मैं मेरे मित्र राष्ट्रपति इरफान अली का ह्रदय से आभार व्यक्त करता हूं. ये सम्मान केवल मेरा ही नहीं बल्कि भारत के 140 करोड़ लोगों का सम्मान है. यह हमारे संबंधों के प्रति आपकी गहरी प्रतिबद्धता का सजीव प्रमाण है जो हमें हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता रहेगा.
अमेरिका के कैलिफोर्निया स्टेट के लॉस एंजलेस शहर में यूएस इमिग्रेशन डिपार्टमेंट एक शख्स के ट्रैवल डॉक्यूमेंट चेक कर रहा था. उसके पास भारतीय पासपोर्ट था. पासपोर्ट पर उसका नाम भानू लिखा हुआ था. बाद में खुलासा हुआ कि भानू कोई और नहीं बल्कि लॉरेंस बिश्नोई का छोटा भाई और दस लाख रुपये का इनामी आतंकवादी अनमोल बिश्नोई है.