
अमेरिका के जबरा फैन! कभी एंजेला मर्केल के कारण छोड़नी पड़ी थी राजनीति, अब जर्मन चांसलर बनेंगे फ्रेडरिक मर्ज
AajTak
फ्रेडरिक मर्ज अवैध प्रवासियों को लेकर बेहद सख्त हैं. उन्होंने इस बार भी चुनाव प्रचार के दौरान जमकर अवैध प्रवासियों पर निशाना साधा था. इस जीत के बाद उनका फोकस इमिग्रेशन और देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती देने पर होगा.
जर्मनी के आम चुनाव में फ्रेडरिक मर्ज (Friedrich Merz) की क्रिश्चियन डेमेक्रेटिक यूनियन (CDU) पार्टी को जबरदस्त सफलता मिली है. पार्टी बहुमत के करीब है और फ्रेडरिक देश के नए चांसलर बनने जा रहे हैं.
सीडीयू एक सेंटर राइट पार्टी है. क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन (CDU) और क्रिश्चियन सोशल यूनियन (CSU) के गठबंधन को 28.5 फीसदी वोट मिले हैं. इस जीत के बाद फ्रेडरिक ने जर्मनी के हित में सरकार बनाने की बात करते हुए कहा कि दुनिया हमारा इंतजार नहीं करेगी बल्कि हमें आगे बढ़कर काम करना होगा.
वहीं, धुर दक्षिणपंथी AfD पार्टी दूसरे स्थान पर रही है. चांसलर ओल्फ स्कॉल्ज की सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी को करारी हार का सामना करना पड़ा है. उनकी पार्टी को 16.5 फीसदी वोट मिले हैं.
एंजेला मर्केल की वजह से छोड़ी थी राजनीति
फ्रेडरिक मर्ज का जन्म 11 नवंबर 1955 को रोमन कैथोलिक परिवार में जर्मनी के साउरलैंड में हुआ था. वह पहली बार 1989 में यूरोपीय संसद के लिए चुने गए थे. वह दोबारा 1994 में भी सांसद चुने गए. हालांकि, वह एंजेला मर्केल की पार्टी से जुड़े हुए हैं लेकिन कई मायनों में वह उनसे अलग थे.
उन्होंने 1976 में लॉ की प्रैक्टिस शुरू कर दी थी. लेकिन वह 1972 से ही सीडीयू के सदस्य थे. वह 1989 में पहली बार यूरोपीय संसद के लिए चुने गए थे. 1994 में वह जर्मनी के सांसद बने. वह सीडीयू में कई अहम पदों पर रहे. 2000 में वह पार्टी के संसदीय नेता भी बने लेकिन 2002 में उन्हें एंजेला मर्केल के हाथों यह पद गंवाना पड़ा. लेकिन मर्केल की लोकप्रियता उन पर भारी पड़ी.

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि हमलोग जल्द ही रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने जा रहे हैं- वे हमलोग पर चार्ज करते हैं, हम उन पर चार्ज करेंगे. चाहे वो कंपनी हो या एक देश, जैसे कि चीन और इंडिया. हम फेयर होना चाहते हैं इसलिए संयुक्त राज्य अमेरिका भी वही टैरिफ लगाएगा जो भारत और चीन जैसे अन्य देश अमेरिकी वस्तुओं पर लगाते हैं.

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जोहान्सबर्ग में G20 विदेश मंत्रियों की बैठक में कहा कि भारत और चीन ने ध्रुवीकृत वैश्विक स्थिति के बावजूद G20 की एकता बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत की है. इस द्विपक्षीय बैठक में क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा हुई. चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने भी दोनों देशों के सहयोग को आगे बढ़ाने पर जोर दिया.

चीन में युवाओं का शादी से मोहभंग हो गया है. वर्ष 2013 से 2024 के बीच शादियों की दर 50% से भी कम हो गई है. युवाओं को लगता है कि शादी खर्चीला काम है और इससे जेब पर बोझ बढ़ता है. काम का दबाव, बेरोजगारी का डर और बढ़ती महंगाई प्रमुख कारण हैं. सरकार कैश इनाम देकर शादियों को बढ़ावा दे रही है, लेकिन युवा तैयार नहीं हैं. इसके विपरीत, भारत में शादियों का बाजार लगातार बढ़ रहा है और युवा लोन लेकर भी शादियां कर रहे हैं.