
सीजफायर के बीच हमास ने 6 बंधकों को किया रिहा, बदले में इजरायल ने छोड़े 602 फिलिस्तीनी कैदी
AajTak
गाजा में जारी सीजफायर के बीच शनिवार को हमास ने छह इजरायली बंधकों को रिहा कर दिया है. सभी बंधकों आईडीएफ और आईएसए की संयुक्त निगरानी में उनके घरों के लिए भेजा जा रहा है. इससे पहले इजरायली सेना के जवानों ने बंधकों को सलाम करने के बाद उन्हें गले लगाया.
गाजा में जारी सीजफायर के बीच शनिवार को हमास ने छह इजरायली बंधकों को रिहा कर दिया है. सभी बंधकों आईडीएफ और आईएसए की संयुक्त निगरानी में उनके घरों के लिए भेजा जा रहा है. इससे पहले इजरायली सेना के जवानों ने बंधकों को सलाम करने के बाद उन्हें गले लगाया. इसके बाद उनकी मेडिकल जांच की गई. इन बंधकों के बदले इजरायल ने 602 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया है.
ये अदला-बदली दक्षिणी गाजा के शहर रफाह में हुई है. यहां नकाबपोश हमास के लड़ाके बंधकों को रेड क्रॉस एम्बुलेंस में रखने से पहले एक मंच पर लाए. सबसे पहले दो बंधकों ताल शोहम (40) और अवेरा मेंगिस्टू (39) को रिहा किया गया. फिर एक के बाद एक छह बंधकों को हमास ने अपने चंगुल से आजाद कर दिया. इनमें ओमर शेम टोव, एलिया कोहेन, हिशाम अल-सईद और ओमर वेंकर्ट का नाम भी शामिल है.
इससे पहले गुरुवार को चार इजरायली बंधकों के शव हमास ने रेड क्रॉस को सौंपे थे. ये पहली बार था जब हमास ने युद्धविराम के बीच बंधकों के शव लौटाए. इजरायल ने स्पष्ट किया है कि जब तक डीएनए जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक वो आधिकारिक रूप से उनकी पहचान की पुष्टि नहीं करेगा. इनमें एक महिला शिरी बिबास और उनके दो छोटे बच्चे शामिल थे. उन्हें अक्टूबर 2023 में हमास ने अगवा कर लिया था.

न्यूजीलैंड की अदालत ने इंदिरा गांधी के हत्यारे सतवंत सिंह के भतीजे बलतेज सिंह को 22 साल की सजा सुनाई है. उसे 700 किलोग्राम मेथ ड्रग रखने के आरोप में दोषी ठहराया गया है. बलतेज को नाम न बताने की इजाजत भी कोर्ट से मिली है, और यही वजह है कि उसके वकीलों ने उसके नाम को दोषी के रूप में गुप्त रखा है. इस बीच पंजाब में उसके रिश्तेदारों ने इस खबर को

'द ग्रेट स्टिंक' ने सचमुच अंग्रेजों की नाक में दम कर दिया था. नाक पर रूमाल रखकर ताजा हवा के लिए लगभग हांफते ब्रिटेन के सांसदों ने अर्बन प्लानिंग की दिशा में एक अभूतपूर्व कदम उठाया. ये फैसला टेम्स की धारा को नया जीवन देने वाली थी. ये फैसला लंदन में व्यापक सीवरेज सिस्टम बनाने का. ब्रिटेन इसमें सफल भी हुआ. लेकिन फिर आया सेकेंड वर्ल्ड वॉर. और जर्मनी ने लंदन के इस सिविल कंस्ट्रक्शन को तबाह कर दिया.