![अमेरिका की चीन को चेतावनी, यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस की मदद करना पड़ेगा महंगा](https://akm-img-a-in.tosshub.com/aajtak/images/story/202203/amit_shah1-sixteen_nine.jpg)
अमेरिका की चीन को चेतावनी, यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस की मदद करना पड़ेगा महंगा
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अमेरिकी सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन और चीनी विदेश नीति सलाहकार यांग जिएची की रोम में मुलाकात हुई. बाइडेन प्रशासन को लगातार यह चिंता सता रही है कि चीन यूक्रेन युद्ध का इस्तेमाल अमेरिका के खिलाफ अपने दीर्घकालिक हित को आगे बढ़ाने के लिए कर रहा है.
यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में रूस का साथ देने पर अमेरिका ने चीन को फटकार लगाई है. अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने सोमवार को एक चीनी अफसर को यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में मदद करने को लेकर चेतावनी दी है. हालांकि, रूस ने इस बात से इनकार किया है कि उसने युद्ध के लिए चीनी उपकरणों के इस्तेमाल करने की अपील की थी.
सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन और चीनी विदेश नीति सलाहकार यांग जिएची की रोम में मुलाकात हुई. बाइडेन प्रशासन को लगातार यह चिंता सता रही है कि चीन यूक्रेन युद्ध का इस्तेमाल अमेरिका के खिलाफ अपने दीर्घकालिक हित को आगे बढ़ाने के लिए कर रहा है.
सुलिवन ने रूस और यूक्रेन युद्ध पर चीन से अपना रुख स्पष्ट करने को कहा. साथ ही रूस की मदद करने को लेकर भी अमेरिका ने चीन को चेतावनी देते हुए कहा, यह उसके लिए महंगा साबित होगा. दरअसल, चीन अमेरिका और पश्चिमी सहयोगियों द्वारा रूस पर लगाए जा रहे प्रतिबंधों को टालने में मदद करने में जुटा है.
अमेरिका ने कहा- दुनिया से संबंधों पर पड़ेगा असर
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार और अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल ने यूक्रेन पर हमले के मद्देनजर रूस को चीन के समर्थन के बारे में बहुत स्पष्ट रूप से चिंताओं को उठाया. साथ ही साफ कर दिया कि रूस का इस तरह का समर्थन न सिर्फ अमेरिका के साथ बल्कि दुनिया के अन्य देशों के साथ संबंधों पर इसका असर होगा. जेक सुलिवन ने चीन को स्पष्ट रूप से चेतावनी दी कि वह रूस को वैश्विक प्रतिबंधों, जिनसे रूसी अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया जा रहा, से बचने में मदद करने से बचे. हम इन कदमों को आगे नहीं बढ़ने देंगे. हालांकि, रूस ने कहा है कि उसे चीन से किसी भी प्रकार की मदद की जरूरत नहीं है.
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रवक्ता ने कहा, रूस में अपने ऑपरेशन्स को जारी करने की क्षमता है. उन्होंने कहा, हम अपने प्लान के मुताबिक आगे बढ़ रहे हैं और समय से इसे पूरा कर लिया जाएगा.
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की व्हाइट हाउस में हुई मुलाकात ने दोनों नेताओं के बीच गहरी मित्रता को दर्शाया. ट्रंप ने मोदी को 'आई मिस यू' कहकर स्वागत किया, जबकि मोदी ने दोनों देशों के संबंधों को '1+1=111' बताया. दोनों नेताओं ने व्यापार, सुरक्षा और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की. ट्रंप ने मोदी को 'महान नेता' और 'खास व्यक्ति' बताया. मोदी ने 2030 तक द्विपक्षीय व्यापार को 500 अरब डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा. दोनों नेताओं ने यूक्रेन युद्ध पर भी चर्चा की और शांति की आवश्यकता पर जोर दिया.
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रूस-यूक्रेन जंग को खत्म करने का ब्लू प्रिंट अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लगभग तैयार कर लिया है. इससे पहले ट्रंप ने रूस के राष्ट्रपति पुतिन और यू्क्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से फोन पर बातचीत की. ट्रंप चाहते हैं कि नाटो में शामिल होने की जिद्द यूक्रेन छोड़ दे लेकिन जेलेंस्की ने अपने देश की सुरक्षा का हवाला दिया है.
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PM नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के बीच हुई मुलाकात में कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई. आतंकवाद से निपटने में सहयोग बढ़ाने पर सहमति बन गई, जिसमें ठाकुर हसन राणा के प्रत्यर्पण का विषय भी शामिल था. फार्मास्यूटिकल क्षेत्र में भारत-अमेरिका के सहयोग पर भी वार्ता हुई, जहाँ अमेरिकी बाजार में भारतीय जेनेरिक दवाओं की भारी मांग है.