अब सरकार के फैसलों को रोक नहीं पाएगा सुप्रीम कोर्ट, इजरायल में नए कानून पर बवाल
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इजरायल में बीते कई महीनों ने सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी हैं. लोग प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के न्याय व्यवस्था में बदलाव का विरोध कर रहे हैं. इतने उग्र प्रदर्शनों के बावजूद संसद ने विवादास्पद कानून को मंजूरी दे दी है.
इजरायल के तमाम वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं. एक में बिना कपड़ों के बैठे प्रदर्शनकारी पर वॉटर कैनन से कुछ इस कदर अटैक किया गया, कि वो अपनी जगह से गिर जाता है. तो एक वीडियो इससे भी ज्यादा हैरानी वाला दिखा, जिसमें कार प्रदर्शनकारियों को रौंदते हुए निकल गई. वहीं लोगों ने इजरायल के कुछ अखबारों के पहले पन्नों की तस्वीर शेयर की हैं, जो काले रंग का है. इस पर कुछ नहीं लिखा. मगर कुछ न लिखकर भी मैसेज दिया जा चुका है. ऐसा कर अखबारों ने बताया है कि वो भी लोगों के साथ विरोध में शामिल हैं.
एक और वीडियो पर नजर पड़ी, जिसमें एक सुरक्षाकर्मी को महिला प्रदर्शनकारी के बाल पकड़कर उसे घसीटते हुए देखा जा सकता है. वो महिला को उठाकर दीवार के दूसरी तरफ फेंक देता है. एक अन्य प्रदर्शनकारी के कपड़े फाड़ दिए गए हैं. बाकियों के साथ भी कुछ यही हो रहा है. मगर जितना लोगों को रोका जा रहा है, वो देश का झंडा हाथ में लिए उतना ही उग्र रूप दिखा रहे हैं. ईरानी खतरे का हवाला देते हुए, पूर्व मोसाद प्रमुख और प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के करीबी सहयोगी योसी कोहेन ने भी कानून पर रोक लगाने का आह्वान किया है.
🇮🇱 Protests continue against Netanyahu regime. pic.twitter.com/b5ZD62pGh7
हालात इतने बदतर हैं कि नेतन्याहू की खराब सेहत को भी लोग महज एक नाटक बता रहे हैं. उन्हें विधेयक पर वोटिंग से पहले अस्पताल ले जाया गया. ऑपरेशन के बाद छुट्टी दी गई. प्रदर्शनों में जो एक कॉमन चीज देखने को मिल रही है, वो है, लोगों के हाथ में इजरायल का झंडा. देश के जिस भी हिस्से में प्रदर्शन हो रहे हैं, वहां वहां लोगों के हाथ में देश का झंडा जरूर नजर आ रहा है. प्रदर्शनारियों ने नेतन्याहू सरकार पर लोकतंत्र को खतरे में डालने का आरोप लगाया है.
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आखिर इतना बवाल क्यों?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को डोमिनिका के सर्वोच्च पुरस्कार 'डोमिनिका अवार्ड ऑफ ऑनर' से सम्मानित किया गया. इस सम्मान का आयोजन गुयाना में आयोजित भारत-कैरिकॉम शिखर सम्मेलन में डोमिनिका की राष्ट्रपति सिल्वेनी बर्टन ने किया. प्रधानमंत्री मोदी ने इस सम्मान को प्राप्त करने के बाद इसे भारत के 140 करोड़ नागरिकों को समर्पित किया है. देखें...
इस सम्मान से सम्मानित होने के बाद पीएम मोदी ने कहा कि गुयाना के सर्वोच्च पुरस्कार से सम्मानित किए जाने पर मैं मेरे मित्र राष्ट्रपति इरफान अली का ह्रदय से आभार व्यक्त करता हूं. ये सम्मान केवल मेरा ही नहीं बल्कि भारत के 140 करोड़ लोगों का सम्मान है. यह हमारे संबंधों के प्रति आपकी गहरी प्रतिबद्धता का सजीव प्रमाण है जो हमें हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता रहेगा.
अमेरिका के कैलिफोर्निया स्टेट के लॉस एंजलेस शहर में यूएस इमिग्रेशन डिपार्टमेंट एक शख्स के ट्रैवल डॉक्यूमेंट चेक कर रहा था. उसके पास भारतीय पासपोर्ट था. पासपोर्ट पर उसका नाम भानू लिखा हुआ था. बाद में खुलासा हुआ कि भानू कोई और नहीं बल्कि लॉरेंस बिश्नोई का छोटा भाई और दस लाख रुपये का इनामी आतंकवादी अनमोल बिश्नोई है.