
अफगानिस्तानः तालिबान और फौज की जंग में पिस रहे हैं आम लोग, ताबड़तोड़ हमले जारी
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भूख, बेबसी, लाचारी, बीमारी और हर पल सिर पर मंडराता मौत का साया. क्या बच्चे, क्या बूढ़े, क्या जवान और क्या औरतें, सबका एक ही हाल है. अफगानिस्तान के लाखों बेगुनाह शहरियों के लिए अब यही उनकी तक़दीर और यही उनका मुस्तकबिल है.
अफगानिस्तान (Afghanistan) से अमेरिकी फौज (American Army) की विदाई के बाद तालिबान (Taliban) को एक बार फिर काबुल में सत्ता की उम्मीद नजर आने लगी है. लेकिन वहां सरकार और तालिबान के बीच चल रही लड़ाई (War) की वजह से अफगानिस्तान के लोग सबसे ज्यादा परेशान हैं. जनवरी से लेकर अब तक करीब पौने तीन लाख लोग बेघर हो चुके हैं. कांधार के बाहर तो और भी बुरे हालात हैं. वहां हजारों लोग रिफ्यूजी कैंप में रहने को मजबूर हैं. किसी को नहीं पता कि सत्ता की ये लड़ाई कब तक चलेगी.More Related News

पाकिस्तान द्वारा बलूचिस्तान पर जबरन कब्जे के बाद से बलूच लोग आंदोलन कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने पांच बड़े सैन्य अभियान चलाए, लेकिन बलूच लोगों का हौसला नहीं टूटा. बलूच नेता का कहना है कि यह दो देशों का मामला है, पाकिस्तान का आंतरिक मुद्दा नहीं. महिलाओं और युवाओं पर पाकिस्तानी सेना के अत्याचार से आजादी की मांग तेज हुई है. देखें.