Weight Loss के लिए डाइट कोक व पेट साफ करने की दवा, महिला का हुआ ये हाल
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अचानक लॉकडाउन लगने से नताली जिम नहीं जा सकी. वह अब पेट साफ करने की दवा खरीदने के लिए दुकानों पर नहीं जा सकती थी. वह अपने वजन को उस तरह से नियंत्रित नहीं कर सकती थी जिस तरह से जिम में करती थी.
कोरोना संकट की वजह से लोगों के जीवन में कई तरह के बदलाव आए. लॉकडाउन ने भी लोगों की जीवनशैली बदली है. इसी दौरान ब्रिटेन की एक महिला जो कि मोटापे का शिकार थी, वजन कम करने के लिए डाइट कोक और पेट साफ करने की दवा (Laxatives) लेने की आदी हो गई. अपने वजन को नियंत्रित करने के लिए महिला ने जुनूनी कोशिश की. नतीजन हालात इतने बिगड़ गए कि उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा. लेकिन लॉकडाउन ने उसकी जान बचा ली. आइए जानते हैं कैसे.. फोटो- नताली ब्रैडली (Natalie Bradley) दरअसल, ब्रिटेन के मैनचेस्टर की रहने वाली 32 वर्षीय नताली ब्रैडली (Natalie Bradley) कहती हैं कि बीमारी से अत्यधिक मोटे होने के बाद वह डाइट कोक की आदी हो गई थी लेकिन लॉकडाउन ने उसकी जान बचा ली. (फोटो क्रेडिट- Getty Images)पाकिस्तान से साठगांठ, ISI की बढ़ती एक्टिविटी, कैसे बांग्लादेश फिर से भारत के लिए सिरदर्द बन सकता है?
बांग्लादेश आर्मी के एक अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल एसएम कमरुल हसन रावलपिंडी दौरे पर थे. उनकी आगवानी में पाकिस्तान बिछ ही गया. एक मेज पर जिन्ना की तस्वीर थी. इसके एक ओर बांग्लादेश का झंडा था दूसरी ओर पाकिस्तान का. जिस पाकिस्तानी आर्मी ने 1975 की बांग्लादेश मुक्ति संग्राम में बांग्लादेशियों को रौंद दिया था. उसी पाकिस्तान आर्मी ने बांग्लादेश को अपना 'भातृ राष्ट्र' बताया.
थाईलैंड में समलैंगिक विवाह कानून लागू हो गया है जिसके बाद वहां के समलैंगिक कपल्स को शादी करने का कानूनी अधिकार मिल गया है. थाईलैंड की तरह दुनिया के कई देशों में समलैंगिकों को शादी करने का हक मिला हुआ है लेकिन दुनिया में कुछ देश ऐसे भी हैं जहां समलैंगिकता पर रोक है और इसके लिए मौत की सजा तक दी जा सकती है.
डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति बनते ही बाइडन कार्यकाल के रिफ्यूजी प्रोग्राम को निरस्त कर दिया है. इस प्रोग्राम के तहत पाकिस्तान में फंसे हुए अफगानी शरणार्थियों को अमेरिका में सेटल करवाना था. बाइडन प्रशासन ने पाकिस्तान से कहा था कि कुछ ही समय में अमेरिका सारे शरणार्थियों को शरण दे देगा लेकिन उनकी सत्ता रहते हुए ऐसा नहीं हो पाया.
डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अगर ब्रिक्स देश अपनी करेंसी लाते हैं तो उनके लिए अमेरिका से व्यापार करना काफी मुश्किल हो जाएगा क्योंकि वो इन देशों पर 100 प्रतिशत का टैरिफ लगा देंगे. ट्रंप की इस धमकी पर अर्थशास्त्रियों ने प्रतिक्रिया दी है. अर्थशास्त्री रघुराम राजन का कहना है कि ट्रंप प्रतिक्रिया देने में जल्दबाजी कर रहे हैं.
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डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वो एच-1बी वीजा के दोनों पक्षों को पसंद करते हैं. उनका कहना है कि अमेरिका में वैसे लोग ही आने चाहिए जो बेहद कुशल हैं. लेकिन, वीजा और प्रवासियों पर सख्ती दिखा रहे ट्रंप ने एफबीआई डायरेक्टर के लिए जिस काश पटेल को नियुक्त किया है, वो खुद एक प्रवासी माता-पिता से जन्मे अमेरिकी हैं.
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