
Waqf amendment bill: वक्फ बिल को लेकर अब कानूनी लड़ाई की बारी, क्या सुप्रीम कोर्ट रोक सकता है संसद से बना कानून?
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संसद का काम कानून बनाना है और लोकसभा-राज्यसभा ने अपना काम कर दिया है. अब यह बिल संविधान के मुताबिक है या नहीं यह तय करने का अधिकार सुप्रीम कोर्ट के पास है. बिल को चुनौती देने वाले और इसका विरोध करने वाले बहुत हैं लेकिन सुप्रीम कोर्ट इस बिल को संविधान की कसौटी पर तौलेगा और फिर तय करेगा कि यह बिल संवैधानिक है या नहीं.
वक्फ संशोधन बिल के कानून बनने का रास्ता अब साफ हो चुका है. लोकसभा और फिर राज्यसभा से मंजूरी मिलने के बाद इस बिल पर सिर्फ राष्ट्रपति की मुहर लगने का इंतजार है. संसद और सड़क पर विपक्षी दलों के विरोध के बावजूद सरकार दोनों सदनों से इस बिल को पारित कराने में सफल रही है. अब मुस्लिम संगठनों से लेकर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस इस बिल को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की तैयारी में है. इस मामले में पहली रिट याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की जा चुकी है. बिहार के किशनगंज से कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने कोर्ट में रिट पिटीशन दी है.
वक्फ बिल पर कानूनी लड़ाई
कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस पार्टी जल्द ही इस बिल की संवैधानिकता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी. उन्होंने बताया कि पार्टी पहले ही नागरिकता कानून सीएए, आरटीआई कानून, चुनाव नियमों से जुड़े कानून को सर्वोच्च अदालत में चुनौती दे चुकी है और ये सभी मामले कोर्ट में चल रहे हैं. इसके अलावा पूजा स्थल अधिनियम को भी कांग्रेस की ओर से सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. इस कड़ी में अगला नाम वक्फ संशोधन बिल का जुड़ने वाला है.
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कांग्रेस पार्टी के अलावा ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) पहले ही वक्फ संशोधन बिल को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का ऐलान कर चुका है. बोर्ड के सदस्य मोहम्मद अदीब ने बुधवार को कहा कि जब तक यह कानून वापस नहीं हो जाता, हम चैन से बैठने वाले नहीं हैं. उन्होंने सरकार पर मुस्लिम संपत्तियों को जब्त करने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस कानून के खिलाफ किसान आंदोलन की तरह देशव्यापी विरोध प्रदर्शन होगा.
सुप्रीम कोर्ट के पाले में गेंद

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